जेठ में सूरज जमकर आग बरसा रहा है। कड़कती धूप और गर्म हवाओं ने कहर बरपाया। पारा उछलता हुआ 46.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। 1977 के बाद 47 साल में यह मई का सर्वाधिक तापमान रहा है। सुबह से देर शाम तक गर्माहट ही घुली रही। लोगों को रात में भी राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आई। न्यूनतम तापमान 33.1 डिग्री सेल्सियस रहा।सुबह से ही तीखी धूप और गर्म हवा के थपेड़ों के आगे लोग बेबस दिखे। दोपहर होते-होते सड़कों और बाजारों में सन्नाटा पसरा नजर आया। शाम तक सूरज की प्रचंडता बनी रही। भीषण गर्मी में कूलर, एसी और पंखे भी फेल होते नजर आए।
पारा : एक पखवाड़े से लगातार 40 के पार पारा पिछले 15 दिन से लगातार 40 डिग्री के पार बना हुआ है। तेज धूप और लू के थपेड़े कचोट रहे हैं। पहले यह 42 से 44.8 डिग्री सेल्सियस तक सीमित था। नौतपा शुरू होते ही यह उछलता हुआ 46.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सूरज के झुलसाने वाले तेवर बरकरार हैं।
19 मई 1977 था सबसे गर्म दिन अजमेर में 19 मई 1977 सबसे गर्म दिन था। अधिकतम तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। उसके बाद 47 साल में 27 मई महीने सबसे गर्म दिन रहा है।
यों चढ़ा पारे का ग्राफ सुबह 8 बजे-30.1 सुबह 11 बजे-35.5दोपहर 1 बजे: 40.2 दोपहर 3 बजे: 43.2शाम 4 बजे: 45.3 शाम 5.30 बजे: 46.3(पारा डिग्री सेल्सियस में) रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए जलसेवा
अजमेर. अजयमेरु लेडीज सोशल सोसाइटी के तत्वावधान में रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए जलसेवा की गई। दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक प्लेटफार्म-1 पर प्रत्येक ट्रेन के जनरल व स्लीपर क्लास के डिब्बों में 100 कैम्पर से ठंडे शुद्ध जलसेवा की गई। रश्मि गर्ग, रानी गोयल, सतनाम कौर व तृप्ति शर्मा ने सहयोग दिया। अध्यक्ष दिशा किशनानी ने बताया कि सेवा के लिए तीन टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई। ऋतु जैन और सावलीन कौर ने बताया कि गर्मी में ट्रेन में यात्रीभार ज्यादा है। ट्रेन के ठहराव कम होने से यात्री पानी लेने के लिए नीचे नहीं उतर सकते हैं। इसके चलते सेवा कार्य किया गया। ऋतु मोतीरामानी, प्रमिला मिश्रा, ममता शुक्ला, कुलविंदर कौर, रीना जैन, श्रीतमा जैन, मुस्कान शर्मा, निधि जैन मौजूद रहीं।
लू और तापघात से बचने के लिए बरतें सावधानी
अजमेर. भीषण गर्मी में लू और तापघात से बचने के लिए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने बताया कि लोगों को हाइट्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी, ओआरएस (ओरल रिहाइटे्रशन सॉल्यूसन), घर के बने पेय जैसे लस्सी, नींबू का पानी, छाछ का सेवन करना चाहिए। यह एडवाइजरी जारी – हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें- सिर पर कपड़ा ढंकें, टोपी अथवा छतरी लगाएं – आंखों की सुरक्षा के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करें- त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन
– मनरेगा कार्यस्थल पर श्रमिकों के लिए दवाएं छाया, साफ पानी- पंखे और नम कपडों का प्रयोग करें – सार्वजनिक परिवहन और कार-पूलिंग का उपयोग करें- सूखी पत्तियां कृषि अवशेषों और कचरे को नहीं जलाएं
– अस्वस्थ महसूस होने पर चिकित्सक से संपर्क करें- शराब, चाय, कॉफी और कॉर्बाेनेटेड शीतल पेय से बचें – किचन के दरवाजे और खिडकियां खुली रखें- दोपहर में फर्श पर चप्पल-जूते पहनकर निकलें
– पशुओं के लिए छाया-पानी का इंतजाम करें- टोल फ्री नम्बर 108, 112 पर कॉल करें