कुछ लोग ही जानते है कि हबीब तनवीर की दो ख्वाहिशें थीं, जो पूरी नहीं हो सकीं। 1 सितंबर 1923 में जन्में थिएटर के इस महान नायक हबीब तनवीर ने 8 जून 2009 को अंतिम सांस ली थीं। patrika.com पर देखें हबीब तनवीर के जन्म दिवस के अवसर पर उनसे जुड़े दिलचस्प किस्से…।
पहली ख्वाहिश जो रह गई अधूरी
हबीब तनवीर के पिता चाहते थे कि वे एक बार पेशावर जरूर जाएं। अपने जीवन के अंतिम दिनों में हबीब साहब ने अपनी इस ख्वाहिश का जिक्र किया था। उनके अब्बा चाहते थे कि वे पेशावर के ऑडिटोरियम में कुछ नाटक पेश करें। वहां के चप्पली कबाब खाकर आएं। लेकिन, अपने जीवन काल में वो कभी पेशावर नहीं जा सके।दूसरी ख्वाहिश जो रह गई अधूरी
हबीब तनवीर कहते थे कि वे अफगानिस्तान के लोक कलाकारों के साथ एक वर्कशॉप करना चाहते थे। 1972 में सरकार की ओर से उन्हें फरमान मिला कि मालूम करो कि काबुल में थियेटर वर्कशॉप हो सकती है या नहीं। तब बन्ने भाई सज्जाद जहीर के साथ काबुल पहुंचे। कहवा पीते हुए हमने काबुल में थियेटर की बातें कीं। वहां जबरदस्त लोक थियेटर है। अफगान की तवायफों का नाच लगातार चलता है पर एक गम था वो ये कि वहां हालात थिएटर के लायक नहीं थे। यह भी पढ़ें- Heavy Rain Alert : बंगाल की खाड़ी में एक्टिव हुआ खतरनाक सिस्टम, 12 जिलों में 2 दिन धमाकेदार बारिश का अलर्ट
छत्तीसगढ़ में हुआ था जन्म
85 साल की उम्र में हबीब तनवीर इस दुनिया से रुख्सत हो गए। उनका जन्म रायपुर में 1 सितंबर 1923 को हुआ था। जबकि उनका निधन 8 जून 2009 को भोपाल में हुआ था। उनकी प्रमुख कृतियों में आगरा बाजार (1954) चरणदास चोर (1975) आदि शामिल हैं। उन्होंने 1959 में दिल्ली में नया थियेटर कंपनी स्थापित की थी। उनका पूरा नाम हबीब अहमद खान था, लेकिन कविता लिखनी शुरू की तो अपना तखल्लुस ‘तनवीर’ रख लिया। उसके बाद हबीब तनवीर के नाम से मशहूर हुए। हबीब ने पत्रकार की हैसियत से कॅरियर शुरू किया था। रंगकर्म और साहित्य की अपनी यात्रा के दौरान कुछ फिल्मों की पटकथाएं भी लिखीं और उनमें अभिनय तक किया।आगे का सफर
रायपुर के लौरी म्युनिसिपल स्कूल से मैट्रिक पास की थी और नागपुर के मौरिश कॉलेज से बीएकिया। हबीब की एमए प्रथम वर्ष की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई। केवल 22 साल का यह लड़का 1945 में मुंबई पहुंच गया और रेडियो में काम करने लगा। इस दौरान कुछ हिन्दी फिल्मों के गीत भी लिखे, जिनमें से अधिकतर खासा लोकप्रिय भी हुए। यह भी पढ़ें- तो इस फॉर्मूले से भाजपा बनाएगी एमपी में डेढ़ करोड़ सदस्य, ये है 55 लाख नए मेंबर जोड़ने का पूरा प्लान