पन्ना. बमीठा से पन्ना-सतना तक एनएच 39 का 98 किमी. मार्ग फोरलेन बनाया जाना है। इसके डीपीआर बनाने का काम चल रहा है। कंसल्टेंसी एजेंसी डीपीआर बनाने का काम कर रही है। डीपीआर के साथ ही उक्त मार्ग में भू-अधिग्रहण भी करना है। इसके लिए एनएचएआइ ने पन्ना के कलेक्टर को पत्र लिखकर मार्ग में पडऩे वाले गांवों के नक्शे मांगे हैं, जिससे भू-अधिग्रहण की कार्रवाई जल्द से जल्द चालू की जा सके।
मडला घाटी में आए दिन बड़े हादसे होते हैं
गौरतलब है कि अभी 98 किमी. लंबे उक्त मार्ग में बमीठा से देवेंद्रनगर तक का हिस्सा ङ्क्षसगल लेन है। बेहद संकरा मार्ग होने के कारण मडला घाटी में आए दिन बड़े हादसे तो हो ही रहे हैं, साथ ही जाम भी लग रहा है। इसी कारण से उक्त मार्ग के चौड़ीकरण की लंबे समय से मांग की जा रही है। उक्त मार्ग के फोरलेन स्वीकृत होने के बाद से इसके डीपीआर का काम चल रहा है। अनुबंधित कंसल्टेंसी एजेंसी मेसर्स ग्लोबल इन्फ्रा सोल्यूशंस ज्वाइंट वेंचर इंफीनाइट सिविल सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड इन एसोसिएशन विथ एमएस कंसल्टेंसी द्वारा तैयार किया जा रहा है।
भूमि अधिग्रहण के लिए मांगे नक्शे
एनएचएआइ संभाग रीवा के उपयंत्री द्वारा कलेक्टर को जारी पत्र में कहा गया कि बमीठा से सतना तक फोरलेन मार्ग निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जानी है। इसके लिए राजस्व के नक्शों की जरूरत है। जिले की सीमा क्षेत्र के जिन राजस्व ग्रामों के नक्शे मांगे गए हैं, उनमें पन्ना और देवेंद्रनगर तहसील के करीब एक दर्जन गांव शामिल हैं। पन्ना तहसील क्षेत्र के मडला, बकचुर, मनोर, पन्ना, जनवार, बहेरा गांव हैं। वहीं देवेंद्रनगर तहसील के सकरिया, जमुनहाईकलां चौपरा, बड़ागांव, देवेंद्रनगर, मढ़ा, सुुंदरा और फुलवारी गांव शामिल हैं।
अभी आए दिन हादसे
अभी स्थिति यह है कि मडला से देवेंद्रगनर तक का मार्ग ङ्क्षसगल लेन है। मडला घाटी का पूरा मार्ग ङ्क्षसगल लेन होने के कारण यहां अक्सर जाम लगता है। मार्ग की पुलिया क्षतिग्रस्त होने से आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। इसी प्रकार से देवेंद्रनगर और पन्ना के बीच पुलिया और रेङ्क्षलग क्षतिग्रस्त होने आए दिन लोगों की हादसों में जानें जा रही हैं। इसी कारण से उक्त मार्ग को लंबे समय से चौड़ीकरण की मांग की जा रही है।
21 किलोमीटर लंबा लाइट एंड साउंड प्रूफ एलीवेटेड मार्ग भी रहेगा
उक्त मार्ग में ही मडला से मनौर तिगैला तक करीब 21 किमी. लंबा लाइट एंड साउंड प्रूफ एलीवेटेड मार्ग भी रहेगा। इसकी पन्ना टाइगर रिजर्व से स्वीकृति मिलने के बाद प्रथम चरण का सर्वे एनएचएआई ने पूरा कर लिया है। द्वितीय चरण का सर्वे आगामी दिनों प्रस्तावित है। पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एलीवेटेड मार्ग बनने से वन्यप्राणियों को समस्या नहीं होगी। अभी एनएच में आए दिन बाघ सहित दूसरे वन्यप्राणियों को सड$क पार करते समय आसानी से देखा जा सकता है। पन्ना-अमानगंज मार्ग में मार्ग पार करते समय एक बाघ की चाहन की चपेट में आने से मौत भी हो चुकी है।
मडला घाटी में आए दिन बड़े हादसे होते हैं
गौरतलब है कि अभी 98 किमी. लंबे उक्त मार्ग में बमीठा से देवेंद्रनगर तक का हिस्सा ङ्क्षसगल लेन है। बेहद संकरा मार्ग होने के कारण मडला घाटी में आए दिन बड़े हादसे तो हो ही रहे हैं, साथ ही जाम भी लग रहा है। इसी कारण से उक्त मार्ग के चौड़ीकरण की लंबे समय से मांग की जा रही है। उक्त मार्ग के फोरलेन स्वीकृत होने के बाद से इसके डीपीआर का काम चल रहा है। अनुबंधित कंसल्टेंसी एजेंसी मेसर्स ग्लोबल इन्फ्रा सोल्यूशंस ज्वाइंट वेंचर इंफीनाइट सिविल सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड इन एसोसिएशन विथ एमएस कंसल्टेंसी द्वारा तैयार किया जा रहा है।
भूमि अधिग्रहण के लिए मांगे नक्शे
एनएचएआइ संभाग रीवा के उपयंत्री द्वारा कलेक्टर को जारी पत्र में कहा गया कि बमीठा से सतना तक फोरलेन मार्ग निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जानी है। इसके लिए राजस्व के नक्शों की जरूरत है। जिले की सीमा क्षेत्र के जिन राजस्व ग्रामों के नक्शे मांगे गए हैं, उनमें पन्ना और देवेंद्रनगर तहसील के करीब एक दर्जन गांव शामिल हैं। पन्ना तहसील क्षेत्र के मडला, बकचुर, मनोर, पन्ना, जनवार, बहेरा गांव हैं। वहीं देवेंद्रनगर तहसील के सकरिया, जमुनहाईकलां चौपरा, बड़ागांव, देवेंद्रनगर, मढ़ा, सुुंदरा और फुलवारी गांव शामिल हैं।
अभी आए दिन हादसे
अभी स्थिति यह है कि मडला से देवेंद्रगनर तक का मार्ग ङ्क्षसगल लेन है। मडला घाटी का पूरा मार्ग ङ्क्षसगल लेन होने के कारण यहां अक्सर जाम लगता है। मार्ग की पुलिया क्षतिग्रस्त होने से आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। इसी प्रकार से देवेंद्रनगर और पन्ना के बीच पुलिया और रेङ्क्षलग क्षतिग्रस्त होने आए दिन लोगों की हादसों में जानें जा रही हैं। इसी कारण से उक्त मार्ग को लंबे समय से चौड़ीकरण की मांग की जा रही है।
21 किलोमीटर लंबा लाइट एंड साउंड प्रूफ एलीवेटेड मार्ग भी रहेगा
उक्त मार्ग में ही मडला से मनौर तिगैला तक करीब 21 किमी. लंबा लाइट एंड साउंड प्रूफ एलीवेटेड मार्ग भी रहेगा। इसकी पन्ना टाइगर रिजर्व से स्वीकृति मिलने के बाद प्रथम चरण का सर्वे एनएचएआई ने पूरा कर लिया है। द्वितीय चरण का सर्वे आगामी दिनों प्रस्तावित है। पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एलीवेटेड मार्ग बनने से वन्यप्राणियों को समस्या नहीं होगी। अभी एनएच में आए दिन बाघ सहित दूसरे वन्यप्राणियों को सड$क पार करते समय आसानी से देखा जा सकता है। पन्ना-अमानगंज मार्ग में मार्ग पार करते समय एक बाघ की चाहन की चपेट में आने से मौत भी हो चुकी है।