शहर के पर्यावरण को 135 करोड़ का बूस्टर डोज, ताकि खुशनुमा बना रहे क्लाइमेट प्रदेश से दो शहर योजना में प्रदेश से जबलपुर व उज्जैन का चयन हुआ है। मिशन के तहत नवाचार कर एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु उन्मुख सुधारों को बढ़ावा देने पर भी काम किया जाएगा। अपशिष्ट को कम करने और इसके प्रबंधन को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत अपशिष्ट पृथक्करण, रीसाइक्लिंग, खाद और संसाधन के रूप में कचरे के उपयोग पर बढ़ावा दिया जाएगा।
जलवायु-उन्मुख सुधार शहर और राज्य दोनों स्तरों पर जलवायु-उन्मुख सुधारों पर जोर देना है। इसमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने, जलवायु लचीलापन को बढ़ावा देने और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की पहल शामिल है। इसके लिए पौधरोपण को बढ़ावा देने, वायु प्रदूषण के स्तर में कमी लाने जैसे बिंदुओं पर काम किया जाएगा।
इसको सहेजना आवश्यक नगर के पास 3700 हेक्टेयर के लगभग का एशिया का सबसे बड़े अर्बन फॉरेस्ट है। इसके साथ ही नर्मदा का 60 किलोमीटर का प्रवाह क्षेत्र है। वैज्ञानिकों अनुसार इसके अलावा बड़ी संया में पहाडिय़ां, बरगी डैम और तालाबों की मौजूदगी से यहां लोकल क्लाइमेट काम करता है। जैसे ही यहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचता है, लोकल क्लाउड एक्टिव हो जाते हैं और हल्की-फुल्की बारिश के बाद तापमान में 2-3 डिग्री की कमी आ जाती है।
ये काम किए जाएंगे ग्रीन जोन को नुकसान पहुंचाए बगैर अपशिष्ट प्रबंधन
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के पास ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण
बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करना
कचरा स्टोर व सेग्रीगेशन व शॉर्टिंग यूनिट स्थापित करना
निगम के डीजल वाहनों की जगह सीएनजी व ई वीकल के उपयोग को बढ़ावा देना
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के पास ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण
बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करना
कचरा स्टोर व सेग्रीगेशन व शॉर्टिंग यूनिट स्थापित करना
निगम के डीजल वाहनों की जगह सीएनजी व ई वीकल के उपयोग को बढ़ावा देना
सिटीज 2.0 के तहत ग्रीन जोन को नुकसान पहुंचाए बगैर अपशिष्ट प्रबंधन पर फोकस किया जाएगा। नया बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करने से लेकर डीजल वाहनों को सीएनजी, ई वीकल से रिप्लेस करेंगे।