डॉक्टर्स की हड़ताल को आईएमए का समर्थनहड़ताल को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन दिया। प्रदेश सचिव डॉ. फरियाद मोहम्मद ने कहा कि सरकार ने हड़ताल के बाद मेडिकल कॉलेज के कुछ चिकित्सकों का स्थानांतरण किया है जो गलत है। यह कार्रवाई दमनात्मक है। इसके लिए मांगे नहीं मानने पर आंदोलन किया जाएगा।
आरटीएच की तरह करेंगे आंदोलनएसोसिएशन के प्रदेश पदाधिकारी डॉ. दुष्यंत शर्मा व डॉ. फरियाद मोहम्मद सहित अन्य डॉक्टर्स धरना स्थल पहुंचे और चिकित्सको को संबोधित किया। प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दुष्यंत शर्मा ने कहा कि सरकार यह सोच रही है की सारे डॉक्टर अलग-अलग है। सरकार ऐसा कदापि नहीं सोचे। हम सब एक है। मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की आरएसआर केडर सहित जायज मांगों को सरकार तत्काल मानकर राहत दे। ऐसा नहीं होने पर चिकित्सक राइट टू हेल्थ की तरह उग्र आंदोलन करेगी।
छह शिक्षक चिकित्सकों का स्थानांतरण गलतमेडिकल ज्यूरिष्ट डॉ. चेतन जैन ने बताया कि हाल ही में सरकार ने छह शिक्षक चिकित्सकों का स्थानांतरण किया है वह ऐसे विभागों से किया है जहां स्वीकृत का आधा स्टॉफ भी नहीं है। ऐसे में बच्चों का शिक्षण कार्य बाधित होगा। सरकार किराणें की दूकान की तरह मेडिकल कॉलेज खोल रही है। फॉर्माक्लोजी में 150 स्टूडेंट पर केवल एक डॉक्टर है बावजूद इसके सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। सरकार नए डॉक्टर लाने के बजाय जो है उनको इधर उधर कर रही है। ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. लीना जैन ने कहा कि हड़ताल का आज चौथा दिन है। मांगे पूरी करने को लेकर लिखित मेें हायर ऑथोरिटी व सरकार से कोई आदेश नहीं मिला। एनएमसी इंस्पेक्शन के लिए भी भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज से कुछ डॉक्टरों का स्थानान्तरण किया गया है जो गलत है।
इन छह डॉक्टरों का स्थानान्तरणराजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी जयपुर ने बीती शाम एक आदेश जारी कर भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के छह चिकित्सक शिक्षकों का स्थानान्तरण बासवाड़ा मेडिकल कॉलेज में कर दिया। इन चिकित्सकों में डॉ. मनीषा कुमारी, अमित टांक, चित्रा पुरोहित, रोहित सचदेव, अरुणा पंचारिया, महेश कुमार चौधरी शामिल है। इनके अलावा डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज से भी तीन चिकित्सक शिक्षकों के बांसवाड़ा स्थानान्तरण किए गए जबकि एक को राजमेस कार्यालय से बासवाड़ा भेजा।