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डिजिटल अरेस्ट मतलब ठगों का जाल, जागरुकता से बचेगी जमा पूंजी

साइबर क्राइम जागरुकता सेमिनार में बोले वक्ता, राजस्थान पत्रिका के कवच अभियान के तहत आयोजन

हनुमानगढ़Dec 10, 2024 / 09:03 pm

adrish khan

Digital arrest means trap of swindlers, awareness will save savings

Digital arrest means trap of swindlers, awareness will save savings

हनुमानगढ़. डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई प्रक्रिया पुलिस नहीं अपनाती है। यह पूर्णत: साइबर ठगों का गढ़ा हुआ शब्द है जिसके जाल में फंसा कर वे लोगों की मेहनत की कमाई ठगने का काम करते हैं। एंड्रॉयड फोन और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के बीच हमको साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक होना होगा अन्यथा कभी भी कोई भी साइबर ठगों का अगला शिकार बन सकता है। राजस्थान पत्रिका के साइबर सुरक्षा को लेकर चलाए जा रहे समाचार अभियान साइबर कवच के तहत मंगलवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित सेमिनार में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एवं साइबर सैल एसपी कार्यालय के प्रभारी वाहे गुरु सिंह ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि साइबर ठग हमको मुख्य रूप से केवल दो ही तरीकों से ठग सकते हैं, पहला डराकर और दूसरा है विश्वास में लेकर। इसलिए साइबर सुरक्षा के लिए पहला सबक है कि मोबाइल फोन पर कॉल कर डराने वालों से बिलकुल नहीं डरे। उन पर विश्वास कर अपनी कोई जानकारी वगैरह ना शेयर करे। यदि पहला सबक हम ढंग से सीखकर जीवन में लागू कर लेंगे तो काफी हद तक साइबर ठगी से बच जाएंगे। इसके अलावा मोबाइल फोन, इंटरनेट आदि के इस्तेमाल के दौरान कुछ सावधानी बरतने की जरूरत होती है जिनके बारे में सबको पता होना चाहिए। साइबर सुरक्षा के प्रति हम खुद भी जागरूक रहे और परिजनों को भी जागरूक करे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहनलाल गोस्वामी ने साइबर सुरक्षा का महत्व बताया। साथ ही मानवताधिकार दिवस के संबंध में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ तथा कार्यक्रम आयोजन के लिए राजस्थान पत्रिका का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस प्रभारी राधा कुमारी ने किया। कार्यक्रम में कालीचरण, महा सिंह आदि स्टाफ सदस्यों ने सहयोग किया।

सुरक्षा व जागरुकता बचाएगी

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहनलाल गोस्वामी ने कहा कि मोबाइल फोन व इंटरनेट आज बेहद जरूरी है। किन्तु यह सुविधा अब दुविधा का कारण बनती जा रही है। इसके बावजूद हमको साइबर सुरक्षा के प्रति सचेत होना होगा। क्योंकि उक्त उपकरण का हम इस्तेमाल बंद नहीं कर सकते। सुरक्षा व जागरुकता हमको बचाएगी।

साइबर सुरक्षा का प्रयास

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ वाहे गुरु सिंह ने कहा कि हनुमानगढ़ पुलिस की साइबर सैल निरंतर साइबर सुरक्षा को लेकर प्रयास कर रही है। इसके लिए साइबर टोल नाका कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत शिक्षण संस्थाओं आदि में जाकर साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही साइबर वॉलिंटियर साइबर योद्धा बनाकर उनको व्हाट्सएप गु्रप से जोड़ते हैं। उस ग्रुप में निरंतर साइबर सुरक्षा से संबंधी जानकारी वगैरह भेजते हैं ताकि वे जागरुकता का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करे।

यह सिखाए साइबर सुरक्षा के सबक

  • यदि जरूरी ना हो तो मोबाइल फोन में अपनी लोकेशन ऑन नहीं रखनी चाहिए।
  • मोबाइल फोन का डाटा रात्रि के समय अवश्य बंद कर दे।
  • दिन में भी दो-तीन मोबाइल फोन का इंटरनेट ऑन-ऑफ किया जाए।
  • अज्ञात नम्बर से आई व्हाट्सएप कॉल असेप्ट करने से बचना चाहिए।
  • मोबाइल फोन कॉल पर किसी के भी कहने पर कोई एप, एनीडेस्क एप वगैरह डाउनलोड ना करें।
  • अपनी ई-मेल आईडी की सुरक्षा के लिए टू टाइप ऑफ वेरिफिकेशन सिस्टम चालू रखा जाए।
  • ई-मेल आईडी का रिकवरी मेल या फोन नम्बर कोई दूसरा रखा जाए। सेम फोन नम्बर या सेम ई-मेल आईडी कभी नहीं रखनी चाहिए ताकि जरूरत पडऩे पर डाटा पासवर्ड चेंज कर सेव किया जा सके।
  • पैसों के लेन-देन संबंधी फोन पे या किसी अन्य एप का फोरगेट पासवर्ड ओटीपी नम्बर सेम मोबाइल फोन पर नहीं रखा जाए।

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