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भाजपा अध्यक्ष की पीआइसी में कांग्रेसी पार्षद, फर्जी नियुक्ति व भ्रष्टाचार के आरोप

देवरी नगर पालिका में अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ 12 पार्षद बगावत पर उतर आए हैं, स्थिति यह बन गई है कि अध्यक्ष के साथ समर्थन में पार्टी का एक भी पार्षद खड़ा नजर नहीं आ रहा है।

सागरAug 22, 2024 / 10:53 am

Madan Tiwari

अध्यक्ष के खिलाफ लामबंद हुए पार्षद

देवरी नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ लामबंद हुए पार्षद

सागर. देवरी नगर पालिका में अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ 12 पार्षद बगावत पर उतर आए हैं, स्थिति यह बन गई है कि अध्यक्ष के साथ समर्थन में पार्टी का एक भी पार्षद खड़ा नजर नहीं आ रहा है। भाजपा के 12 पार्षद बुधवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष नेहा अलकेश जैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा की। वहीं फर्जी नियुक्ति के साथ निर्माण कार्यों और सामग्री खरीदी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। पार्षदों ने कलेक्टर से अध्यक्ष जैन को पद से हटाने की मांग की है। जिसको लेकर कलेक्टर संदीप जी आर ने नियमानुसार कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

– आपत्ति के बाद पीआइसी भंग

देवरी नगर पालिका के पार्षद संजय चौरसिया ने बताया कि नगर पालिका के कुल 15 पार्षद में से एक अध्यक्ष और दो कांग्रेस के अलावा बाकी 12 भाजपा के हैं। आज तक हम लोगों को यह नहीं लगा कि हम पार्षद हैं। नाली की सफाई से लेकर स्ट्रीट लाइट भी सुधरवानी हो तो वहां भी अध्यक्ष का आदेश चलता है। स्थिति यह है कि भाजपा का अध्यक्ष होने के बाद उनकी पीआइसी में कांग्रेस के दोनों पार्षद थे। पार्टी की आपत्ति के बाद पीआइसी भंग कर दी, लेकिन छह माह से दोबारा गठन नहीं किया। परेशान होकर 12 पार्षद 16 अगस्त को अध्यक्ष नेहा अलकेश जैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे।

– सफाईमित्रों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा

संजय चौरसिया ने बताया कि नगर पालिका में बिना पार्षदों की जानकारी के करीब 14 सफाई मित्रों की नियुक्ति की गई, उसमें दो दमोह पथरिया के रहने वाले थे, जिनको एक साल तक वेतन भी जारी होता रहा। बाकी किनको सफाई मित्र बनाया यह भी जानकारी पार्षदों को नहीं लगने दी। नगर पालिका अध्यक्ष और तत्कालीन सीएमओ ने मिलकर नियुक्ति में फर्जीवाड़ा किया।

– मार्च के बाद कोई बैठक नहीं

कलेक्टर कार्यालय पहुंचे पार्षदों ने बताया कि देवरी नगर पालिका में साधारण सभा की आखिरी बैठक पांच माह पहले मार्च में हुई थी, जिसमें बजट पेश किया जाना था। बैठक में पार्षदों ने साल भर का आय-व्यय का लेखा-जोखा मांगा, लेकिन नहीं बताया गया। अध्यक्ष कर्मचारियों से किसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध न कराने का बोल दिया। जिससे नाराज पार्षदों ने बजट पर सहमति नहीं दी थी।

– सबके अपने-अपने हित हैं

हमारे ऊपर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। जो पार्षद आरोप लगा रहे हैं उनके सबसे अपने-अपने हित हैं जो प्रभावित हो रहे हैं।

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देवरी नगर पालिका के पार्षद संजय चौरसिया ने बताया कि नगर पालिका के कुल 15 पार्षद में से एक अध्यक्ष और दो कांग्रेस के अलावा बाकी 12 भाजपा के हैं। आज तक हम लोगों को यह नहीं लगा कि हम पार्षद हैं। नाली की सफाई से लेकर स्ट्रीट लाइट भी सुधरवानी हो तो वहां भी अध्यक्ष का आदेश चलता है। स्थिति यह है कि भाजपा का अध्यक्ष होने के बाद उनकी पीआइसी में कांग्रेस के दोनों पार्षद थे। पार्टी की आपत्ति के बाद पीआइसी भंग कर दी, लेकिन छह माह से दोबारा गठन नहीं किया। परेशान होकर 12 पार्षद 16 अगस्त को अध्यक्ष नेहा अलकेश जैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे।

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