पटेल नगर निवासी एक 64 वर्षीय बुजुर्ग के एंड्रायड मोबाइल पर रात 11 बजे के करीब व्वाट्सएप कॉल आया। इसमें आपत्तिजनक वीडियो दिखाई जा रही थी। बुजुर्ग जब तक कुछ समझ पाते फोन कुछ ही सेकंड में कट गया। इसके बाद उनके पास फोन आया। जिसमें कहा गया कि आपने लडक़ी को धमकाकर उससे आपत्तिजनक वीडियो देखी है और आपको थाना आना होगा। बुजुर्ग ने फोन काट दिया। अगले दिन सुबह फिर से फोन आया और सामने वाले ने खुद को डीएसपी बताया। उसने बुजुर्ग को थाना आने को कहा। इसके बाद कुछ देर में एक और फोन आया और उसने कहा कि आप पांच लाख रुपए दे दो, मामला रफा-दफा हो जाएगा। बुजुर्ग ने मना कर दिया और पूरा मामला अपने बेटे को बताया। गनीमत रही कि बेटे ने जागरुकता का परिचय दिया और नंबर ब्लॉक कर दिया। उसने इसकी शिकायत पुलिस से भी की।
परासिया निवासी एक युवक ने बताया कि उनकी पत्नी का फेसबुक आइडी और पासवर्ड हैक कर लिया गया था। हैकर आईडी पर आपत्तिजनक फोटो एवं वीडियो अपलोड करने लगा। इसके बाद लोगों के फोन आने लगे। पूरा परिवार का माहौल खराब हो गया। हमने साइबर सेल में शिकायत भी की, लेकिन वे केवल यही कहते रहे कि हम जल्द आईडी ब्लॉक करा लेंगे। अंत में हमने कही और से मदद ली और आइडी ब्लॉक कराई। छह दिन पूरा परिवार मानसिक रूप से प्रताडि़त होता रहा।
-साइबर क्राइम का शिकार हुए युवक ने लोगों को सुझाव दिया कि हमेशा सोशल आईडी में मजबूत पासवर्ड रखें। वही जानकारी भरें जो आपके आधार कार्ड में है। क्योंकि बाद में अगर आपकी आईडी हैक भी हो जाए तो इसे बंद कराने के लिए आपके पास प्रर्याप्त प्रूफ होना चाहिए। सबसे जरूरी बात यह है कि हमेशा अपने प्रोफाइल को लॉक रखें। इससे आपकी आईडी कोई हैक करने में मुश्किल होगी।
- कभी भी अचानक 2-3 मिनट से ज्यादा समय तक मोबाइल फोन में सिग्नल न आए तो अलर्ट हो जाएं। आसपास के लोगों से क्रॉसचेक करें कि उस कंपनी का सिग्नल आ रहा है या नहीं। अगर उनका सिग्नल आ रहा है तो फौरन संचार कंपनी से संपर्क करें। कभी भी एक नंबर से बार-बार मिसकॉल आए तो तुरंत उस नंबर को ब्लॉक कर दें। फोन पर कोई संचालन कंपनी का कर्मचारी बनकर ओटीपी या अन्य डिटेल मांगे तो डिटेल न दें।
- ऑनलाइन पेमेंट के दौरान किसी भी तरह के मैसेज को सावधानी से देखें। मैसेज पढ़ें कि पेमेंट रिसीव हो रही है या फिर आपके खाते से कटने का रिक्वेस्ट आ रहा है।
- कोई भी वॉट्सऐप कॉल करके ओटीपी मांगे तो उसे ये न बताएं।
अपने वॉट्सऐप पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन या टू स्टेप वेरिफिकेशन लगाएं। इस प्रोसेस में आपको एक पिन डालना होगा। ऐसा करने पर आप जब कभी किसी दूसरे फोन पर वॉट्सऐप लॉगिन करेंगे तो यह बिन डालने पर ही आपका अकाउंट लॉगिन होगा। - कभी भी डेस्कटॉप या कंप्यूटर पर वॉट्सऐप वेब लॉगिन न छोड़ें।
जागरूक रहकर ही ऑनलाइन ठगी से बचा जा सकता है। पुलिस अपना काम कर रही है, लेकिन हमें भी यह देखना होगा कि हम कितने जागरूक हैं। समय के साथ साइबर अपराधी ठगी का तरीका बदल रहे हैं। सोशल साइट का इस्तेमाल करने के दौरान हर पल सावधान रहने की जरूरत है।
अवधेश सिंह, एएसपी, छिंदवाड़ा