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पहली बार ऐसा….भोपाल मतदान सामग्री वितरण की प्रक्रिया देखने विदेशी टीम आएगी

24 देशों को दिया था चुनावी प्रक्रिया देखने का न्यौता सात और 13 मई के चुनाव देखेंगे दल कोट्सचुनाव सामग्री वितरण की प्रक्रिया काफी लंबी और चुनौतीपूर्ण होती है। भोपाल संसदीय सीट में 2097 मतदान केंद्र है। इनपर मतदान कराने इवीएम मशीन के सेट हर दल को दिए जाते हैं। सबकुछ सिस्टम से होता है। […]

भोपालMay 05, 2024 / 11:51 am

देवेंद्र शर्मा

  • श्रीलंका और फिलिपिंस के प्रतिनिधि मंडल भोपाल में देखेंगे कैसे होती है सामग्री वितरण
    भोपाल. भोपाल संसदीय चुनाव में मतदान वितरण और एकत्रीकरण की प्रक्रिया देखने विदेशी प्रतिनिधि मंडल आएगा। श्रीलंका और फिलिपिंस के सरकारी व राजनीतिक प्रतिनिधि इस दल में शामिल होंगे। छह मई को अल सुबह ही मतदान दलों को लाल परेड मैदान से सामग्री का वितरण शुरू होगा और मतदान के बाद सात मई की शाम को ये सामग्री जमा कराई जाएगी। विदेशी दल अपने साथ तमाम सवाल लेकर आएगा, जिनके जवाब उसे भोपाल के लाल परेड मैदान से लेकर पुरानी जेल में मतदान पेटियों को सुरक्षित रखवाने तक मिलेंगे। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव कैसे होता है? करोड़ों लोगों से कैसे मतदान कराया जाता है? चुनाव सामग्री क्या उपयोग होती है? और इनका वितरण व एकत्रीकरण कैसे होता है? कुछ ऐसे ही सवाल विश्व के अन्य देशों के आमजन से लेकर सरकारी सिस्टम तक में होते हैं। इनका ही जवाब ये विदेशी प्रतिनिधि दल यहां तलाशेगा।
24 देशों को दिया था चुनावी प्रक्रिया देखने का न्यौता
  • विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की चुनावी प्रक्रिया को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के 24 देशों को अपने राजनीतिक व सरकारी प्रतिनिधि दलों को न्यौता दिया था। 15 दल देशभर में अलग-अलग संसदीय क्षेत्रों में प्रक्रिया को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। भोपाल में चुनावी सामग्री वितरण और एकत्रीकरण की प्रक्रिया देखने के लिए पहुंचेगा। यह पहला मौका है जब चुनाव देखने इस तरह राजनीतिक व सरकारी दलों को आमंत्रित किया गया है।
सात और 13 मई के चुनाव देखेंगे दल
  • जिन विदेशी दलों को न्यौता दिया है, उन्हें चुनाव के तीसरे व चौथे चरण के लिए आमंत्रित किया है। तीसरे चरण में मप्र की भोपाल संसदीय सीट भी शामिल है। इसके बाद चौथे चरण में इंदौर, उज्जैन, रतलाम सीट शामिल है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मप्र में विदेशी डिप्लोमेट्स को चुनावी दर्शन पर भेजा गया था।
कोट्स
चुनाव सामग्री वितरण की प्रक्रिया काफी लंबी और चुनौतीपूर्ण होती है। भोपाल संसदीय सीट में 2097 मतदान केंद्र है। इनपर मतदान कराने इवीएम मशीन के सेट हर दल को दिए जाते हैं। सबकुछ सिस्टम से होता है। इसे ही देखने विदेशी प्रतिनिधि मंडल पहुंचेगा।
  • कौशलेंद्र विक्रम सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी- कलेक्टर
  • श्रीलंका और फिलिपिंस के प्रतिनिधि मंडल भोपाल में देखेंगे कैसे होती है सामग्री वितरण
    भोपाल. भोपाल संसदीय चुनाव में मतदान वितरण और एकत्रीकरण की प्रक्रिया देखने विदेशी प्रतिनिधि मंडल आएगा। श्रीलंका और फिलिपिंस के सरकारी व राजनीतिक प्रतिनिधि इस दल में शामिल होंगे। छह मई को अल सुबह ही मतदान दलों को लाल परेड मैदान से सामग्री का वितरण शुरू होगा और मतदान के बाद सात मई की शाम को ये सामग्री जमा कराई जाएगी। विदेशी दल अपने साथ तमाम सवाल लेकर आएगा, जिनके जवाब उसे भोपाल के लाल परेड मैदान से लेकर पुरानी जेल में मतदान पेटियों को सुरक्षित रखवाने तक मिलेंगे। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव कैसे होता है? करोड़ों लोगों से कैसे मतदान कराया जाता है? चुनाव सामग्री क्या उपयोग होती है? और इनका वितरण व एकत्रीकरण कैसे होता है? कुछ ऐसे ही सवाल विश्व के अन्य देशों के आमजन से लेकर सरकारी सिस्टम तक में होते हैं। इनका ही जवाब ये विदेशी प्रतिनिधि दल यहां तलाशेगा।
  • 24 देशों को दिया था चुनावी प्रक्रिया देखने का न्यौता
  • विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की चुनावी प्रक्रिया को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के 24 देशों को अपने राजनीतिक व सरकारी प्रतिनिधि दलों को न्यौता दिया था। 15 दल देशभर में अलग-अलग संसदीय क्षेत्रों में प्रक्रिया को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। भोपाल में चुनावी सामग्री वितरण और एकत्रीकरण की प्रक्रिया देखने के लिए पहुंचेगा। यह पहला मौका है जब चुनाव देखने इस तरह राजनीतिक व सरकारी दलों को आमंत्रित किया गया है।
  • सात और 13 मई के चुनाव देखेंगे दल
  • जिन विदेशी दलों को न्यौता दिया है, उन्हें चुनाव के तीसरे व चौथे चरण के लिए आमंत्रित किया है। तीसरे चरण में मप्र की भोपाल संसदीय सीट भी शामिल है। इसके बाद चौथे चरण में इंदौर, उज्जैन, रतलाम सीट शामिल है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मप्र में विदेशी डिप्लोमेट्स को चुनावी दर्शन पर भेजा गया था।
  • कोट्स
  • चुनाव सामग्री वितरण की प्रक्रिया काफी लंबी और चुनौतीपूर्ण होती है। भोपाल संसदीय सीट में 2097 मतदान केंद्र है। इनपर मतदान कराने इवीएम मशीन के सेट हर दल को दिए जाते हैं। सबकुछ सिस्टम से होता है। इसे ही देखने विदेशी प्रतिनिधि मंडल पहुंचेगा।
  • कौशलेंद्र विक्रम सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी- कलेक्टर

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