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बलबीर छिल्लर की कुर्सी खतरे में, अविश्वास प्रस्ताव के लिए 36 पार्षद पहुंचे जयपुर

जिला प्रमुख बलबीर सिंह छिल्लर की कुर्सी खतरे में है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पार्षद एकजुट हो गए हैं। 36 पार्षद पंचायती राज विभाग के शासन सचिव रवि जैन से मिले।

अलवरJul 02, 2024 / 11:33 am

susheel kumar

– उप जिला प्रमुख समेत कई पार्षदों ने पंचायती राज विभाग के शासन सचिव से की मुलाकात

– शासन सचिव ने कहा, संभागीय आयुक्त के पास पत्र दें, वहीं से होगी आगे की कार्रवाई
जिला प्रमुख बलबीर सिंह छिल्लर की कुर्सी खतरे में है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पार्षद एकजुट हो गए हैं। 36 पार्षद पंचायती राज विभाग के शासन सचिव रवि जैन से मिले। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पत्र दिया। शासन सचिव ने कहा कि वह यह पत्र संभागीय आयुक्त के पास दें। वहां से ही आगे की कार्रवाई होगी। अब जिला पार्षद संभागीय आयुक्त से लेकर कलक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए पत्र देंगे।
जिला परिषद की उप जिला प्रमुख ललिता मीणा समेत कई पार्षदों ने परिषद की सीईओ प्रतिभा वर्मा से मुलाकात की। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पत्र दिया लेकिन सीईओ ने कहा कि यह कार्य उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। ऐसे में जिला पार्षद जयपुर पंचायती राज विभाग के शासन सचिव से सोमवार को मिले। वहां उनकी बात सुनी गई। उन्होंने संभागीय आयुक्त के पास जाने का रास्ता दिखाया। कुछ पार्षदों का कहना है कि उनके पास 36 जिला पार्षद हैं। जिला प्रमुख बलबीर सिंह छिल्लर का कहना है कि वह पार्षदों के साथ हैं। उनके कार्य उन्होंने किए हैं लेकिन अब अफसर कामों में अड़ंगा डाल रहे हैं।
कुल 48 जिला पार्षद, बहुमत के लिए चाहिए 25

जिला परिषद में कुल 48 जिला पार्षद हैं। बहुमत के लिए 25 पार्षदों की आवश्यकता है। कुछ पार्षदों का कहना है कि उनके पास 36 सदस्य हैं। इसमें कांग्रेस व भाजपा दोनों के हैं। उनका आरोप है कि जिला परिषद में उनके साथ अन्याय होता आया है। जनता के काम नहीं हो रहे हैं। पक्षपात तरीके से कार्य किए जा रहे हैं। इसी के खिलाफ उनकी लड़ाई है। वह अविश्वास प्रस्ताव लाकर रहेंगे। कहा, खुद भाजपा के जिला पार्षद भी जिला प्रमुख से त्रस्त हैं। मालूम हो कि जिला प्रमुख पहले कांग्रेस में थे लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। मालूम हो कि वर्तमान में कांग्रेस के पार्षदों की संख्या बोर्ड में ज्यादा है।
ये हैं अविश्वास प्रस्ताव के नियम

पंचायती राज संस्थाओं में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कुल सदस्यों का तीन चौथाई सदस्य पेश करते हैं। जिला प्रमुख के मामले में तीन चौथाई जिला पार्षद जिला निर्वाचन अधिकारी या पंचायती राज शासन सचिव के समक्ष यह अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हैं। इसके बाद निर्धारित अवधि में अविश्वास प्रस्ताव साबित करने के लिए नोटिस निकाला जाता है। निर्धारित तिथि को वोटिंग होने पर अविश्वास प्रस्ताव के पास होने या गिरने की स्थिति स्पष्ट होती है। यदि अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है तो पद को रिक्त घोषित करके सरकार किसी भी सदस्य को राज्य स्तर से भी अस्थाई तौर पर कुछ समय के लिए जिला प्रमुख मनोनीत कर सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग रिक्त पद की सूचना मिलने पर चुनाव कार्यक्रम जारी करता है। उसके बाद जिला प्रमुख चुना जाता है। नगर निगम अलवर की िस्थति को देखें तो यह पद उप जिला प्रमुख के पास भी जा सकता है।
अलवर जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मेरे पास कई जिला पार्षद आए थे। मैंने उन्हें संभागीय आयुक्त के पास पत्र देने को कहा है।

— रवि जैन, शासन सचिव, पंचायती राज विभाग जयपुर

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