– 18 मई के बाद ज्यादा शिकायतें
गर्मी और बारिश के मौसम में शिकायतों की संख्या में तो इजाफा होता है। अप्रेल माह में भी लगभग चार हजार शिकायतें उपभोक्ताओं ने की थी, लेकिन मई का महीना शुरू होने के बाद शिकायतों की संख्या बढ़ गई। कंपनी के अनुसार 17 मई को 212 शिकायतें दर्ज की गई थीं, लेकिन 18 मई को मौसम बिगड़ा और आंधी-बारिश के कारण शिकायतों का आंकड़ा बढ़कर 658 पर पहुंच गया। इसके बाद 30 मई तक यानी महज 12 दिन में 7710 शिकायतें दर्ज की गई हैं।– इन क्षेत्रों से सबसे ज्यादा शिकायतें
बिजली कंपनी के अनुसार गर्मी में लोड़ बढऩे के बाद शिकायतें तो लगभग हर क्षेत्र से आ रहीं हैं, लेकिन शहर के धर्मश्री, आंबेडकर, मोतीनगर, बड़ा बाजार और कटरा क्षेत्र की शिकायतें सबसे ज्यादा होती हैं। क्योंकि यहां सघन बस्ती है और अन्य कॉलोनियों के मुकाबले लोड भी ज्यादा है, जिसके कारण ज्यादा सप्लाई प्रभावित होती है।– पर्याप्त अमला न होने से निराकरण में देरी
करीब चार साल पहले बिजली कंपनी ने शहर में मकरोनिया सब डिवीजन को शामिल कर लिया था। जिसके बाद उपभोक्ताओं की संख्या 75 हजार से बढ़कर 97 हजार पर पहुंच गई है, लेकिन अधिकारियों ने मेंटेनेंस टीम के कर्मचारियां की संख्या नहीं बढ़ाई। पहले जहां 48 कर्मचारी मेंटेनेंस टीम में तो वर्तमान में उनकी संख्या घटकर 42 बची है। इस हिसाब से देखें तो एक कर्मचारी पर शहर के 2300 से ज्यादा उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी है। कर्मचारियों की इसी कमी के कारण उपभोक्ताओं की शिकायतों का समय से निराकरण नहीं हो पा रहा है, लेकिन यह बात कंपनी के अधिकारी समझने तैयार नहीं हैं।– ग्रामीण क्षेत्र के हालत बद से बदतर
शहर में तो कम से कम देर रात सप्लाई प्रभावित होने पर सुधार कार्य हो जाता है, लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति तो बद से बदतर है। बिजली गुल होने के बाद अधिकारियों के फोन भी बंद हो जाते हैं। स्थिति यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में यदि रात में सप्लाई बंद हो जाए तो सुधार की कोई गारंटी नहीं होती। इस भीषण गर्मी में लोग कैसे दिन-रात काट रहे हैं इससे जिम्मेदारों को मतलब ही नहीं है। ताजा उदाहरण ढाना क्षेत्र का ही है जहां मंगलवार रात को बंद हुई सप्लाई दूसरे दिन बुधवार को चालू हो सकी।– फैक्ट फाइल
– 97 हजार उपभोक्ता शहर में – 8 सब स्टेशन शहर में – 40 फीडर 11 व 33केवी के – 895 ट्रांसफार्मर से होती है सप्लाई – 39 लाख यूनिट बढ़ी बिजली की खपत – 42 कर्मचारियों के भरोसे सुधार कार्य