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प्रथम वार्ता नहीं चढ़ी परवान, दूसरे दौर में बनी सहमति
बीसीएमओ कार्यालय के सभागार में थर्मल प्रशासन व ठेकेदार फर्म व ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल के बीच प्रथम दौर की वार्ता हुई। इसमें एडीएम कन्हैयालाल सोनगरा, एसडीएम संदीप काकड़, तहसीलदार हाबुलाल मीणा, सुपर क्रिटिकल के मुख्य अभियंता केसी सिंगल, अतिरिक्त मुख्य अभियंता पुरषोत्तम धारीवाल, उप मुख्य अभियंता एमआर चाचाण, पूर्व विधायक राजेन्द्र भादू,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष परसराम भाटिया, नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा,इंटक प्रदेश महामंत्री श्याम सुंदर शर्मा ,पूर्व प्रधान हरीराम मेघवाल,अखिल भारतीय किसान सभा के जसराम बुगालिया, सरपंच गिरधारी स्वामी, बलराम वर्मा,गगन वीडिंग, अमित कड़वासरा,सुनील इलेक्ट्रिक वक्र्स के मेघराज आसेरी, ठेकेदार परमजीत सिंह कलसी राकेश पारीक, दीपक अरोडा, प्रेम मिड्ढा आदि मौजूद रहे। वार्ता में ठेकेदार ने चार से पांच लाख रुपए तक मुआवजा देने सहित नियमानुसार निर्धारित पीएफ का रुपए देने की बात कही। वही, मुख्य अभियंता ने मृतक की पत्नी को संविदा पर काम पर रखने का वायदा किया। लेकिन प्रतिनिधिमंडल मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपए देने की मांग पर अड़ गया। जिससे वार्ता सिरे नहीं चढ़ सकी। इसके बाद दूसरे दौर की वार्ता एक बार फिर हुई। जिसमें सहमति के बाद ठेकेदार फर्म व परियोजना प्रशासन के बीच श्रमिक नेताओं तथा विधायक सहित अन्य नेताओं के बीच हुए लिखित समझौते हुआ। इसमें 15 लाख रुपये नगद राशि मे से 5 लाख रुपये आगामी एक दो दिन में मृतक की पत्नी के खाते में ठेकेदार की ओर से जमा करवाने, करीब ढाई लाख रुपये पीएफ राशि सहित सूरतगढ़ प्रशासन की ओर से 5 लाख रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना के तहत दिलवाने सहित ईएसआई पेंशन तथा मृतक की पत्नी को संविदा पर नौकरी देने पर बनी सहमति के बाद आंदोलन समाप्त हुआ। वही, समझौता वार्ता से मुआवजा को लेकर दो नेताओं में बहस भी हो गई थी। यह भी पढ़े… अरविंद केजरीवाल ने दिया CM पद से इस्तीफा, अब आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री