8 करोड़ रुपए की लागत से चमकेगा मेडिकल कॉलेज, होंगे कई काम .लंबे समय से ड्रेनेज सिस्टम की परेशानी झेल रहे मेडिकल कॉलेज के अब दिन फिरने वाले हैं। मेडिकल कॉलेज में आठ करोड़ रुपए की लागत से टॉयलेट की मरम्मत, डक्टिंग, लाइटिंग सहित कई सिविल कार्य भी होंगे। ऐसे में अब ओटी में गंदा पानी लीकेज आदि की समस्या से भी जल्द निजात मिल सकेगी।
हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इन सभी कामों के लिए 14 करोड़ का बजट मांगा था, लेकिन इसके लिए 8 करोड़ की स्वीकृति जारी हुई है। इससे कई काम हो सकेंगे। डक्टिंग व लाइट पर खर्च होंगे 2 करोड़-
मेडिकल कॉलेज बने डेढ़ दशक हो चुके हैं। लेकिन बनने के बाद से अभी तक मरम्मत नहीं हुई थी। ऐसे में मरम्मत की सख्त आवश्यकता थी। अब दो करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज के एसआरजी चिकित्सालय की डक्टिंग, लाइट व टॉयलेट, ड्रेनेज सिस्टम को सुधारा जाएगा। अभी चिकित्सालय में छोटे पाइप होने से बार-बार चोक होने से वार्डों में लीकेज की समस्या आ रही थी। लेकिन अब इस पर दो करोड़ रुपए से कई काम होंगे। ऐसे में इन सभी समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
6 करोड़ से होंगे सिविल वर्क- एसआरजी चिकित्सालय में करीब 6 करोड़ की लागत से सिविल कार्य होंगे। जिसमें रंगाई-पुताई,टीनशेड सहित जहां भी अन्य तरह की मरम्मत का काम होना है, वो सभी काम किए जाएंगे।
अलग से डाली जाएगी लाइन- सूत्रों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज एवं एसआरजीचिकित्साल में पहले की सभी लाइन अंडर ग्राउंड व बीम के साथ होने से उन्हे खोलना संभवन नहीं है। ऐसे में अब बड़े पाइप अलग से डालकर पूरा ड्रेनेज सिस्टम व टॉयलेट के पाइप अलग से बाहर ही निकाले जाएंगे। इससे भी कोई परेशानी होने पर उसे ठीक भी किया जासके। लीकेज आदि को ढूंढने में भी परेशानी नहीं हो।
14 मांगे थे, 8 ही मिले- सूत्रों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज द्वारा 14 करोड़ के प्रस्ताव बनाकर भेजे थे, लेकिन 8 करोड़ रुपए की ही स्वीकृति आई है। इन आठ करोड़ रुपए की लागत से पूरा मेडिकल कॉलेज की मरम्मत सही से हो सकेगी। हालांकि कॉलेज बनाते समय इन बातों का ध्यान रखना था, लेकिन उस समय की गई गलती का बड़ा नुकसान अब उठाना पड़ रहा है। लीकेज से मिलेगा छुटकारा-
मेडिकल कॉलेज एवं एसआरजी चिकित्सालय में 8 करोड़ रुपए से मरम्मत के कई काम होंगे। अब एसआरजी चिकित्सालय में जगह-जगह लीकेज की परेशानी से छूटकारा मिल सकेगा। हुकमचन्द मीणा, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी, झालावाड़।