फोन करने वाले ने बताया कि रंजीत के नाम से मुंबई से ताईवान भेजे गए पार्सल में प्रतिबंधित सामान है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। कुछ समय बाद मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर एक अन्य व्यक्ति ने रंजीत को फोन किया और ड्रग्स को कूरियर करने का प्रयास कर कथित तौर पर किए गए अपराध के बारे में विस्तार से बताया। फिर नकली अधिकारी ने स्काइप कॉल कर डॉक्टर पर आरोप लगाया कि उसके बैंक खाते में अवैध धन है।
जब डॉ. रंजीत ने खुद को निर्दोष बताया, तो ठगों ने उनको एक निर्दिष्ट खाते में धनराशि स्थानांतरित करने के लिए मना लिया और वादा किया कि अगर जांच में उनकी बेगुनाही साबित होती है तो वह पैसे वापस कर देगा। डॉक्टर ने दो किस्तों में कुल 15.26 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। लेनदेन को लेकर संदेह होने पर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी का मोबाइल नंबर, बैंक खाते, आईपी पते और नेटवर्क यूजर आईडी को ट्रैक किया।
जांच में पता चला कि अपराधी राजस्थान से काम करता था। उसके बाद एक पुलिस टीम राजस्थान गई और हनुमानगढ़ की अंबेडकर कॉलोनी निवासी विशाल कुमार (23) को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने उसके पास से एक सेलफोन और बैंक पासबुक जब्त की। विशाल कुमार को जयपुर कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट वारंट हासिल किया गया। उसे ट्रेन से चेन्नई लाया गया और सईदापेट कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।