शुक्रवार सुबह आठ बजे संपन्न हुई वन्य जीव गणना के उपरांत वन विभाग की और से जारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। गणना के अनुसार जिले में राष्ट्रीय पक्षी मोर, सारस, चिंकारा, चीतल, काला हिरण, बंदर व दुर्लभ पक्षी गिद्ध की आबादी भी गत दो साल में बढ़ी है। जबकि सेही, जंगली सुअर, लोमड़ी, नीलगाय व सियार का कुनबा घटा है।
उपवन संरक्षक गौरव गर्ग ने बताया कि भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले में वन मण्डल भीलवाडा के अधीन भीलवाडा में 16, माण्डलगढ़ में 15, जहाजपुर में 7, आसीन्द में 4, गंगापुर में 3, शाहपुरा में 4 समेत 49 वाटर होल पर गुरुवार सुबह आठ बजे शुरू हुई वन्य जीव गणना शुक्रवार सुबह आठ बजे संपन्न हुई। गणना के दौरान पहली बार उत्कृष्ट क्वालिटी के ट्रेप कैमरों का प्रयोग किया गया। कैमरों के जरिए वाटर होल पर दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव भेडिया की बिजौलियां वन खंड में होने की पुष्टि हुई।
भेडि़या पानी पीने पहुंचा गर्ग ने बताया कि कि लम्बे अरसे बाद जिले में भेडि़ये की मौजूदगी के प्रमाण मिले है। भेडिया का जोड़ा नजर आने से जिले में वन्य जीव प्रेमियों के लिए नई साइड खुलने की उम्मीद बंधी है। वर्ष 2022 में एक भी चीतल नहीं दिखा था, लेकिन इस बार 38 चीतल नजर आए। गणना के दौरान वाटर होल पर कुल 4829 वन्य जीव प्यास बुझाने पहुंचे। वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 5067 था।
मांडलगढ़ में सबसे अधिक पैंथर उन्होंने बताया कि जिले में पैंथर की बड़ी संख्या में मौजूदगी के संकेत मांडलगढ़ व आसींद वन क्षेत्र में मिलें है। लेकिन गणना के दौरान पांच पैंथर ही वाटर होल पर देखे गए। वन्यजीव गणना के दौरान जिले में 24 प्रकार की प्रजातियों के वन्यजीव एवं पक्षियों की उपस्थिति दर्ज हुई हैं। वर्ष 2022 की वन्यजीव गणना की तुलना में कार्निवोर (मांसाहारी) प्रजाति में मुख्यतः पैंथर, भेडिया एवं सियागोस की संख्या में वृद्धि हुई है। इसी प्रकार मगरमच्छ एवं साण्डा की आबादी भी बढ़ी है।
वन्य जीव गणना की कार्नियोर (मांसाहारी) वर्ष 2024 वर्ष 2022 बाघ 00 00 बघेरा 05 01 सियार-गीदड़ 601 782 जरख 24 27 जंगली बिल्ली 31 38 बिल्ली 00 05
लोमड़ी 38 63 भालू 01 03 सियागोश 02 00 कबरबिज्जू 19 33 ………. कार्नियोर (मांसाहारी) चीतल 38 00 काला हिरण 29 11 रोजडा-नीलगाय 1925 1974 चिंकारा: 233 213
जंगली सुअर 564 683 सेही 54 65 बंदर 89 61 ……………… पक्षी सारस 24 09 गिद्ध 19 16 मोर 1110 1076 ………… रेपेटाईल्स मगरमच्छ 04 00
साण्डा 03 00