डूंगरपुर. असारवा से जयपुर वाया उदयपुर टे्रन (12982) को ‘डिरेल’ करने की बड़ी साजिश की गई है। डूंगरपुर से ऋषभदेव के लिए रविवार रात्रि करीब 11 बजे के आसपास रवाना हुई टे्रन को पटरी से उतार बड़ा रेल हादसा करने के लिए बदमाशों ने कोटाणा के पास लोहे के सरिये डाल दिए। पर, लोको-पायलट ने ट्रैक पर सरिये पड़े देख टे्रन को रोक लिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
यूं टला हादसा
डूंगरपुर से रविवार रात्रि को करीब 11 बजे असारवा से जयपुर टे्रन पहुंची। करीब पांच मिनट बाद ही ट्रेन अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई। ट्रेन ने अभी रफ्तार भी नहीं पकड़ी थी कि शहर से करीब पांच किलोमीटर दूर छैला खेरवाड़ा ग्राम पंचायत अंतर्गत कोटाणा के पास पहुंचते ही लोको पायलट को पटरियों पर कोई चमकती हुई चीज दिखाई दी। इस पर उन्होंने सुझबुझ दिखाते हुए गति बहुत कम कर दी। पर, इसके बावजूद कई सरिये इंजन के केटन गार्ड में फंस गए। यह लोहे के सरिये आरसीसी में काम आने वाले थे। लोको पायलट एवं टे्रन के अन्य स्टॉफ ने मिलकर सरियों को निकाला तथा ट्रेक से हटाया। करीब 12 एमएम के 10-15 लोहे के सरिये थे। इस बीच टे्रन करीब 25 मिनट बीच जंगल में खड़ी रही। ट्रैक खाली होने के बाद टे्रन उदयपुर पहुंची।
करीब 1800 से अधिक यात्री थे सवार रेलवे सूत्रों के अनुसार टे्रन में करीब 18 डिब्बे थे। प्रत्येक डिब्बे में 100 से 150 यात्री अमूमन रहते हैं। रविवार रात्रि को डूंगरपुर स्टेशन पर करीब 125 यात्री उतरे थे तथा 150 से अधिक यात्री टे्रन में नए सवार हुए थे। ऐसे में करीब 1800 से 2000 यात्री सवार थे। यदि मोटे सरिये की चपेट में ट्रेन के चक्कों में आ जाते तो टे्रन पटरी से उतर कर डिब्बे पलट या कुछ भी हो सकता था। गनीमत रही कि हादसा टल गया।
मचा हड़पंप, दौड़ी रेलवे पुलिस रात्रि करीब 11 बजे बाद हुए हादसे के बाद रेलवे पुलिस सहित रेलवे प्रशासन में हड़पंप मच गया है। उत्तर पश्चिमी रेलवे के उच्चाधिकारियों ने पूरे मामले की तफ्तीश के लिए रेलवे पुलिस के पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही जांच कमेटी भी गठित कर दी है। वहीं, सोमवार को जीआरपी पुलिस ने सदर थाना पहुंच कर पूरे घटनाक्रम को लेकर प्रकरण दर्ज करवाया है। जीआरपी पुलिस के प्रद्युम्नसिंह ने भारतीय रेल को क्षति पहुंचाने, सवारियों का जीवन संकट में डालने आदि में प्रकरण दर्ज करवाया है।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
रेलवे की ओर से प्रकरण दर्ज कराने के साथ ही सदर पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, सदर थानाधिकारियों ने रेलवे पुलिस अधिकारियों के साथ घटना स्थल का मुआयना कर आरोपियों से जुड़े सुराग तलाशने शुरू कर दिए हैं।
रेलवे की ओर से प्रकरण दर्ज कराने के साथ ही सदर पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, सदर थानाधिकारियों ने रेलवे पुलिस अधिकारियों के साथ घटना स्थल का मुआयना कर आरोपियों से जुड़े सुराग तलाशने शुरू कर दिए हैं।
लोहे के सरिये खोल सकते हैं राज
पुलिस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़े सुराग लोहे के सरियों के आधार पर जांच शुरू कर रही है। बताया जा रहा है कि घटना स्थल पर रखे लोहे के कुछ सरिये लोको पायलट अपने साथ ले गया। पुलिस इन लोहे के सरियों के लाने और ले जाने तथा आसपास चल रहे बड़े आरसीसी कार्य से जोड़ रही है। साथ ही संदिग्धों की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज आदि भी खंगालने शुरू कर दिए हैं।
याद आया 11/2022 उदयपुर-अहमदाबाद टे्रक पर रविवार की रात्रि हुए हादसे ने एक बार फिर 14 नवम्बर 2022 की दिल दहला देने वाली घटना याद दिला दी। जी-20 शिखर सम्मेलन व गुजरात चुनाव से ठीक पहले उपद्रवियों ने उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉडगेज लाइन पर डेटोनेटर से विस्फोट करते हुए ट्रेक और पुलिया उड़ाने की साजिश की थी। यह विस्फोट उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर ओड़ा रेलवे पुलिया पर किया था। धमाके के बाद ट्रैक में दरारें आ गई थी। साथ ही लोहे की बड़ी चद्दर खड़ी हो गई थी। हालांकि, विस्फोट ट्रेन गुजरने के 15 मिनट बाद हुआ था। इससे यात्री बाल-बाल बच गए। हादसे के बाद टे्रक को कुछ दिनों के लिए रोकना पड़ा था।
आए दिन हो रहे हैं पथराव
उदयपुर-अहमदाबाद ट्रैक बदमाशों के निशाने पर लगातार रहा है। नवम्बर 2022 में डेटोनेटर से विस्फोट की घटना के साथ ही हर दो से तीन माह के दरम्यान रेल और रेल यात्रियों पर पथराव की घटनाएं हो रही हैं।
. आठ अक्टूबर 2023 को जयपुर से असारवा जा रही सुपर फास्ट ट्रेन पर बलवाड़ा गांव के समीप पथराव
उदयपुर-अहमदाबाद ट्रैक बदमाशों के निशाने पर लगातार रहा है। नवम्बर 2022 में डेटोनेटर से विस्फोट की घटना के साथ ही हर दो से तीन माह के दरम्यान रेल और रेल यात्रियों पर पथराव की घटनाएं हो रही हैं।
. आठ अक्टूबर 2023 को जयपुर से असारवा जा रही सुपर फास्ट ट्रेन पर बलवाड़ा गांव के समीप पथराव
. अप्रेल 2023 को डूंगरपुर से असारवा जाने वाली ट्रेन पर पथराव हुआ था। इससे यात्रियों को चोट भी आई थी। जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी
रेल पर पथराव के बढ़ते मामलों को लेकर रेलवे लगातार रेलवे पटरियों से जुड़े गांवों में जन जागरुकता अभियान चला रही है। इसके बाद भी असामाजिक तत्वों द्वारा वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि संबंधित गांव के जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक करे तथा अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचे।
रेल पर पथराव के बढ़ते मामलों को लेकर रेलवे लगातार रेलवे पटरियों से जुड़े गांवों में जन जागरुकता अभियान चला रही है। इसके बाद भी असामाजिक तत्वों द्वारा वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि संबंधित गांव के जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक करे तथा अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचे।
गैर जिम्मेदार रेलवे अधिकारी रेलवे में हुए घटनाक्रम को लेकर डूंगरपुर रेलवे स्टेशन के अधिकारियों को रवैया पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना ही रहा। घटनाक्रम को लेकर सभी स्तर के अधिकारी बचते ही रहे। वह पूरे घटनाक्रम को हल्का ही लेते रहे। कई अधिकारियों तो यह तक कहते बने कि हमे तो पता ही नहीं हैं। आफिस आए तब पता लगा।