प्रसव के बाद मां की मौत या दूध नहीं आने, किसी गंभीर संक्रामक बीमारी से पीडि़त होने पर उनके नवजात को मां का दूध मुहैया कराने को भीलवाड़ा में 20 फरवरी 2017 को मदर मिल्क बैंक की स्थापना की। इसकी बेहतर सेवा से हजारों माताएं दुग्धदान को प्रेरित हुई। ऐसी माताओं की बदौलत बिन मां के 28 दिन तक के नवजात को मां का दूध दिया जा रहा है। जिनकी माताएं प्रसव के बाद किसी कारणवश नवजात को स्तनपान नहीं करा पा रही है, उन नवजातों को भी माता के दूध नहीं आने तक 28 दिन तक दूध दिया जाता है। कई बार बच्चे का वजन तीन किलो नहीं हो पाता है, ऐसे में वजन तीन किलो होने तक दूध दिया जाता है। कुछ माताएं ऐसी हैं जो अपने बच्चों को तो स्तनपान करवा ही रही है, साथ में प्रसव के बाद भी बिन मां के बच्चों को कई माह तक दुग्धदान के लिए मिल्क बैंक पहुंच रही है। एक यूनिट में 30 एमएल दूध नवजात के लिए कांच की शीशी में दिया जाता है। वर्तमान में मिल्क बैंक के पास 1207 यूनिट दूध स्टॉक है।
1600 यूनिट दूध भेजा अजमेर वर्ष 2017 व 18 में मिल्क बैंक की िस्थति इतनी अच्छी हो गई थी कि जरूरत पड़ने पर भीलवाड़ा के मदर मिल्क बैंक से 1600 यूनिट दुग्ध अजमेर भेजा गया। यह दुग्ध दो बार में जरूरत के अनुसार भेजा गया। दूध अभी अच्छी मात्रा में दान किया जा रहा है लेकिन अब भीलवाड़ा के निजी अस्पतालों के एनआइसीयू में भर्ती मरीजों को भी यहां से दुग्ध जारी किया जाता है।
बैंक की प्रभारी डॉ. इन्दिरा सिंह है जबकि नर्सिंग इंचार्ज प्रेम जाट, स्टॉफ रोशलीन जोसफ, लक्ष्मी विश्नोई, स्वीटी विश्नोई व दो वार्ड लेडी व्यवस्था संभाले है। गेस्ट रूम भी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। पालड़ी शिशु गृह के दो नवजातों को भी दुग्ध यहीं से दिया जा रहा है। कुछ समय पहले तक चार बच्चों को दिया जा रहा था।
रक्षा ने बनाया रिकॉर्ड, 161 लीटर दुग्धदान शहर की रक्षा जैन ने मदर मिल्कबैंक की स्थापना से लेकर अब तक दो बार प्रसव के बावजूद सर्वाधिक कुल 161 लीटर दुग्धदान कर रिकाॅर्ड बनाया है। रक्षा जिला स्तर पर सम्मानित हो चुकी हैं। इंडिया वर्ल्ड रिकाॅर्ड होल्डर बन चुकी है। इंडिया प्राउड अवार्ड मिल चुका है। अहमदाबाद में आर्यव्रत एनजीओ ने भी रक्षा का सम्मान किया।
यह है िस्थति वर्ष दुग्धदान एमएल नवजात को दी यूनिट दानदाता माताएं लाभान्वित नवजात 2017 2,59,550 5,777 2,767 655 2018 3,79,585 12,283 4,229 1,045 2019 2,70,650 9,210 4,084 1,316 2020 2,34,820 7,306 3,728 931
2021 2,54,040 7,495 3,231 1,131 2022 2,72,010 9, 554 3,695 1,902 2023 2,56,360 8,367 4,579 2,542 2024 7 मई तक 27,700 3,894 1,610 929 कुल 20,59,405 63,886 27,923 10,451