खरगे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अदाणी मामले में जेपीसी के गठन की मांग करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के समर्थन से विदेशों में अदाणी को प्रोजेक्ट मिल रहे हैं और इससे देश की छवि पर असर पड़ रहा है। हमने संसद में नियम 267 के तहत अदाणी का मुद्दा उठाया था। हाल ही में अमेरिकी जांच एजेंसी ने अदाणी समूह पर भारत में परियोजनाओं के कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए करीब 2030 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। जनता के पैसे का इस्तेमाल रिश्वत के लिए किया गया। वे इसके बारे में देश को सदन के माध्यम से बताना चाहते थे।
कई देशों में मिले कॉन्ट्रैक्ट
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस भी देश में जाते हैं, वहां अदाणी को कॉन्ट्रैक्ट मिलते हैं। इसकी बहुत लंबी लिस्ट है। मोदी जब जून 2015 में बांग्लादेश गए थे, वहां पर अदाणी समूह को पावर प्रोजेक्ट मिला। मोदी के मलेशिया, इजराइल, सिंगापुर, श्रीलंका, नेपाल, तंज़ानिया, वियतनाम, ग्रीस आदि देशों के दौरों में भी उन्हें प्रोजेक्ट देने की सिफारिश की गई। केन्या ने तो जनता के दबाव में कॉन्ट्रैक्ट को अभी रद्द कर दिया है। खरगे ने सवाल उठाया कि नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद के बिना कौन सा देश केवल उन्हें चुनेगा। इसलिए वे चाहते थे कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा हो। जिस चीज से देश का नुकसान रहा है, जिसके चलते दुनिया का भरोसा हम से उठ सकता हो, उन बातों को सदन में लाना जरूरी है। वे देशहित में ये मुद्दा उठाना चाहते थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वजह से विपक्ष पर सदन में हुड़दंग मचाने का आरोप लगाते हैं।