नई दिल्ली

रेजिडेंट्स का नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के खिलाफ इमरजेंसी सेवा का बहिष्कार

– दिल्ली में इन अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं में आ सकती है दिक्क्त

नई दिल्लीDec 07, 2021 / 01:13 pm

Vivek Shrivastava

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पत्रिका ब्यूरो
नई दिल्ली। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने देश में नीट पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी के खिलाफ रूटीन और इमरजेंसी सेवा का बहिष्कार करने का फैसला किया है, इससे देश के कई अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती है। एसोसिएशन की पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ मंत्री मनसुख मान्डविया के साथ बैठकों के बावजूद अभीतक कोई उचित समाधान नहीं निकला है।

फेडरेशन फॉर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर मनीष सिंह ने कहा कि 27 नवंबर को स्वास्थ मंत्री की ओर से मौखिक आश्वासन दिया गया था, उसके बाद प्रदर्शन को लगभग समाप्त किया था लेकिन आश्वासन पर सरकार खरी नहीं उतरी और 6 दिसंबर को बैठक में भी मौखिक आश्वासन ही मिला, इसके विरोध में एसोसिएशन ने इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की मांग है कि जबतक लिखित समाधान नहीं मिलेगा तबतक प्रदर्शन जारी रहेगा।

दिल्ली में इन अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं में आ सकती है दिक्क्त –
दिल्ली के सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग, जीटीबी अस्पताल में डॉक्टरों के प्रदर्शन और इमरजेंसी बहिष्कार के फैसले से व्यवस्थाएं गड़बड़ा सकती है। इसका सीधा असर आम लोगों के इलाज पर पड़ेगा।

क्वालीफाई 45 हजार डॉ घर बैठे –
नीट पीजी 2021 काउंसलिंग नहीं होने से करीब 45 हजार डॉक्टर घरों में बैठे है और काम का बोझ रेजिडेंट डॉक्टर पर आ गया है। एसोसिएशन के पदाधिकारी का कहना है कि अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टरों पर भारी वर्क लोड है। वे एक ड्यूटी में 38 घंटों तक काम कर रहे हैं और पूरे सप्ताह में 100 घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार को काउंसलिंग जल्दी करवानी चाहिए जिससे 45 हजार डॉक्टर जो नीट पीजी क्वालीफाई कर के घर पर बैठे हैं उन्हें बुलाया जाए।


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विवेक

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