देश को INS विक्रांत मिलने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों के ग्रुप में शामिल हो जाएगा, जिनके पास खुद स्वदेशी विमानवाहक पोत के डिजाइन व बनाने की क्षमता है। इसके बाद प्रधानमंत्री मंगलुरु में कई परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। वहां प्रधानमंत्री मोदी 3800 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की नींव रखेंगे।
INS विक्रांत को भारतीय नौसेना के इन-हाउस ‘वारशिप डिजाइन ब्यूरो’ (WDB) ने डिजाइन किया है और इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है। INS विक्रांत बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का शिपयार्ड है। INS विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा जहाज है, जिसे अत्याधुनिक ऑटोमेशन फीचर्स के साथ तैयार किया गया है। स्वदेशी विमानवाहक का नाम उनके शानदार पूर्ववर्ती,भारत के पहले विमानवाहक के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
नौसेना के अधिकारियों ने बताया है कि 2 सितंबर को भारतीय नौसेना को सेंट जॉर्ज क्रॉस के बिना एक नया प्रतीक चिन्ह मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि 2001 और 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान ध्वज से क्रॉस चिन्ह हटा दिया गया था, लेकिन सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली यूपीए ने सत्ता में वापस आने के बाद इसे फिर से वापस ला दिया।