इस पूरे मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को तफ़्तीश में ये पता चला कि अभियुक्तों के आका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े आतंकी संगठनों के साथ मिलकर भारत के ख़िलाफ़ साज़िश रच रहे हैं यही नहीं से अभियुक्तों से पूछताछ में दूसरे देशों में बैठकर भारत के ख़िलाफ़ ज़हर उगलने वाले इनके आकाओं के बारे में भी जानकारी मिली है।
भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में जुटे आरोपियों की पहचान -ताबिश नसीर सिद्दिकी मुंबई का रहने वाला है।और जुल्फिकार अली बरोडावाला उर्फ़ लालाभाई, शर्जील शेख़ और आतिफ़ नाचन जो बोरिवली का रहने वाला है। इसके अलावा ज़ुबैर नूर मोहम्मद शेख़ बाबू और डॉक्टर अदनाली सरकार को पुणे से पकड़ा गया है।
ज़ुल्फ़िकार अली बरोडावाला और आतिफ़ अतीक नाचन की पुणे में IED के ज़रिए ब्लास्ट करने की साज़िश में पहले से ही एनआइए तलाश कर रही थी।
पकड़े गए आतंकी भारत में ISIS के विद्वेष फैलाने वाली विचारधारा को बड़े स्तर पर प्रचारित और प्रसारित करने की साज़िश रच रहे थे। पकड़े गए अभियुक्तों की कोशिश थी कि सरकारी इमारतों को निशाना बनाया जाए। इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर आतंक फैलाकर लोगों के मन में भय पैदा करने की भी साज़िश रच रहे थे।
एनआइए की मुंबई ब्रांच ने पकड़े गए लोगों के पास से सीरिया हिजराह से जुड़ी किताबें वॉयस वॉयस ऑफ़ हिन्द,वॉयस ऑफ़ खुरासान भी ज़ब्त की है। ये दोनों ही किताबें ISIS ने प्रकाशित की है। इसके अलावा ये नौजवानों में डू इट यौर सेल्फ़ नाम का अभियान चला रहे थे।और युवाओं को भड़काकर ISIS के रास्ते पर ला रहे थे। इन सभी के ख़िलाफ़ इसी साल जून महीने में गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई की गई थी। गृह मंत्रालय इनपुट पर की गई छापेमारी में इन सभी को पकड़ा गया था। इन सभी के ख़िलाफ़ CRPC की धारा 173(8) के तहत कार्रवाई शुरू की गई।