क्या है न्यूनतम साझा कार्यक्रम
न्यूनतम साझा कार्यक्रम (Common Minimum Programme) नेपाल की गठबंधन सरकारों द्वारा अपनाई जाने वाली एक प्रथा है। यह आमतौर पर गठबंधन सरकार के न्यूनतम उद्देश्यों को पूरा करने की रूपरेखा तैयार करता है। नेपाली कांग्रेस के नेता और CMP के समन्वयक पूर्णा खडका ने एक कार्यक्रम में 14 पन्ने का दस्तावेज जारी किया। इस दौरान प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, सीपीएन के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र यादव सहित कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
न्यूनतम साझा कार्यक्रम (Common Minimum Programme) नेपाल की गठबंधन सरकारों द्वारा अपनाई जाने वाली एक प्रथा है। यह आमतौर पर गठबंधन सरकार के न्यूनतम उद्देश्यों को पूरा करने की रूपरेखा तैयार करता है। नेपाली कांग्रेस के नेता और CMP के समन्वयक पूर्णा खडका ने एक कार्यक्रम में 14 पन्ने का दस्तावेज जारी किया। इस दौरान प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, सीपीएन के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र यादव सहित कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
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नेपाल में पांच दलों की गठबंधन वाली सरकार है और इस सरकार का मानना है कि भारत के साथ सीमा विवाद को राजनयिक रूप से हल किया जा सकता है। नेपाली कांग्रेस नेता खड़का का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख सहित पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद के मुद्दों को राजनयिक तरीकों से हल करना है। उन्होंने कहा कि सरकार दस्तावेज के मुताबिक आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पड़ोसी देशों से मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देगी। क्या है दोनों देशों के बीच तनाव की वजह नेपाल की पिछली सरका ने नया मानचित्र जारी कर तीन भारतीय क्षेत्रों लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को अपना हिस्सा बताया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई। इसके आलावा नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली भारत के विभन्न मुद्दों पर अनर्गल बयानबाजी करते रहे हैं। नेपाल के मानचित्र जारी करने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। अब नेपाल में नई सरकार है और वो इस मुद्दे पर नए तरीके से हल करना चाहती है।