तटरक्षक बल ने एचएएल से सोलह एएलएच खरीदने का करार किया था। इसमें से 15वां हेलिकॉप्टर पिछले महीने ही तटरक्षक बल में शामिल किया गया है। एक महीने के भीतर ही 16वां आखिरी हेलिकॉप्टर भी एक सादे समारोह में तटरक्षक बल के महानिदेशक वीएस पठानिया को सुपुर्द कर दिया गया। पठानिया ने इस अवसर पर कहा कि कोविड-19 के बावजूद एचएएल ने कम समय में ही तटीय सुरक्षा के लिए जरूरी सभी हेलिकॉप्टर सुपुर्द कर दिए। तटरक्षक बल ने ऐसे ही 9 और हेलिकॉप्टर खरीदने का सहमति पत्र जारी किया है। एचएएल के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन व सीईओ एस. एन्बुवेलम ने कहा कि एएलएच मार्क-3 को कई विशेष परिस्थितियों के अनुरूप तैयार किया गया है।
यह है खासियत
एएलएच मार्क-3 हेलिकॉप्टर खासतौर से तटरक्षक बल के लिए बनाया गया है। इसकी केबिन में मशीनगन के साथ तेज रोशनी वाली सर्च लाइट 12.7 मिलिमीटर की हैवी मशीन गन लगाई गई है। यह हेलिकॉप्टर अधिकतम 291 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से 20 हजार फीट की ऊंचाई पर एक बार में 630 किलोमीटर उड़ सकता है।
एएलएच मार्क-3 हेलिकॉप्टर खासतौर से तटरक्षक बल के लिए बनाया गया है। इसकी केबिन में मशीनगन के साथ तेज रोशनी वाली सर्च लाइट 12.7 मिलिमीटर की हैवी मशीन गन लगाई गई है। यह हेलिकॉप्टर अधिकतम 291 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से 20 हजार फीट की ऊंचाई पर एक बार में 630 किलोमीटर उड़ सकता है।
विदेशों में भी है मांग
एचएएल साल 1992 से अब तक 335 हेलिकॉप्टर बना चुका है। भारतीय थल सेना के पास 191, भारतीय वायुसेना के पास 107 और नौसेना के पास 14 एएलएच हैं। लगभग 52 फीट लंबा यह हेलिकॉप्टर दो लोग मिलकर उड़ाते हैं। इसमें 12 लोग सवार हो सकते हैं। कई अन्य देशों ने भी एएलएच में रूचि दिखाई है।
एचएएल साल 1992 से अब तक 335 हेलिकॉप्टर बना चुका है। भारतीय थल सेना के पास 191, भारतीय वायुसेना के पास 107 और नौसेना के पास 14 एएलएच हैं। लगभग 52 फीट लंबा यह हेलिकॉप्टर दो लोग मिलकर उड़ाते हैं। इसमें 12 लोग सवार हो सकते हैं। कई अन्य देशों ने भी एएलएच में रूचि दिखाई है।