गौतम अडानी ने बताया कि मीटिंग के कुछ ही देर बाद पता चला कि होटल पर आतंकी हमला हुआ है, जिसके कुछ मिनटों बाद ही होटल के कर्मचारी मुझे पीछे के दरवाजे से रसोई में ले गए। उन्होंने कहा कि मैंने इसके बारे में कई बार सोचा कि “अगर मैं बिल का पेमेंट करने के बाद लॉबी में चला गया होता तो हमले में फंस जाता।”
अडानी ने बताया कि आतंकी हमले के दौरान वह पूरी रात होटल में फंसे रहे। होटल का कर्मचारी पीछे के रास्ते ऊपर चेंबर में लेकर गया। अगले दिन सुबह 7 बजे जब कमांडो पहुंचे तो उन्होंने पूरी तरह सुरक्षा के साथ होटल के बाहर निकाला।
गौतम अडानी ने 90 के दशक में हुए अपहरण को याद करते हुए कहा कि “मैने जिंदगी में दो बार मौत को सामने से देखा और ये भगवान का आशीर्वाद है कि मैं बाल-बाल बच गया।” उन्होंने कहा कि “मेरा स्वभाव है कि मैं हर परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढाल लेता हूं। जो चीज खुद के हाथ में न हो उसको लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए, लेकिन जिस दिन अपहरण हुआ उस दिन मैं पूरी रात नहीं सो पाया।”
देश के इतिहास में सबसे भयानक आतंकवादी हमलों में से एक मुंबई का 26/11 आतंकी हमला है, जिसमें 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने भारी हथियारों के साथ 26 नवंबर 2008 को ताज होटल में हमला किया था। इस हमले में 166 होगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके अलावा उस दिन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस और ओबेरॉय ट्राइडेंट अन्य स्थानों में भी आतंकी हमले हुए थे।