दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पिछले करीब 20 दिनों से अधिक समय से वायु प्रदूषण के चलते घने कोहरे से घिरा हुआ है। सूरज कब निकलता है और कब छिप जाता है पता ही नहीं चलता है। प्रदूषण का स्तर खतरनाक होने का असर लोगों की दिनचर्या, व्यापार, नौकरी के साथ सेहत पर खासा दिखाई दे रहा है। शुक्रवार सुबह दिल्ली का एक्यूआई 230 था। यह पिछले कुछ दिनों से बेहतर स्थिति है। प्रदूषण के चलते दिल्ली के अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों में आंखों में जलन, घुटन और सांस लेने में तकलीफ जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के मरीज बढ़े हैं।
दवाओं से ज्यादा बचाव पर दें ध्यान
सर गंगाराम अस्पताल के श्वांस रोग विभाग के वाइस चेयरमैन डॉ. बॉबी भलोटरा का कहना है कि मौसम में बदलाव व प्रदूषण के चलते लोगों में अस्थमा, सांस, लंग्स से जुड़ी समस्या बढ़ जाती है। इस तरह की समस्या से बचने के लिए लोगों को घरों में रहना जरूरी है। प्रदूषण के दौर चलने के दौरान दवाओं से ज्यादा बचाव ही उपचार है। ज्यादा जरूरी होने पर घर से बाहर निकले, वो भी तब जबकि धूप निकली हुई है। भूतरा ने बताया कि इन दिनों अस्पताल में अस्थमा, सांस, लंग्स, खांसी के मरीजों की संख्या में सामान्य दिनों के मुकाबले इजाफा हुआ है।
कार्यालय समय में बदलाव
केंद्र सरकार ने गुरुवार को अपने कर्मचारियों के लिए काम के समय में बदलाव किया है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने आदेश जारी किए है। इसके तहत केंद्र ने दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के मद्देनजर अपने कर्मचारियों के लिए काम के अलग-अलग समय की घोषणा की। दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों को कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक और सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक खुले रहने का आदेश दिया है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सलाह
आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों/कर्मचारियों को अपने निजी वाहनों के उपयोग को कम करना चाहिए और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल पर जोर देना चाहिए। वहीं, वाहन पूलिंग का सहारा लेने और सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी गई है, जिससे वाहन से निकलने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।