सभी अभियुक्तों के ख़िलाफ़ IPC की अनेक धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। इन सभी पर UAPA विस्फोटक सामग्री एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था। उल्फ़ा से जुड़े ये सभी उग्रवादियों ने सेना के कैंप पर आतंकी हमला किया था।
मार से संचालित होने वाले यूनाइटेड लिबरेशन फ़्रंट ऑफ़ असम के दो उग्रवादियों ने मोटरसाइकिल पर सवार होकर सेना के कैंप पर ग्रेनेड से हमला किया था। उल्फ़ा एक प्रतिबंधित संगठन है। इस मामले में छह लोगों ने मिलकर साज़िश रची थी और तिनसुकिया के काकापाथेर इलाक़े में सेना के कैंप पर हमला किया था। जाँच में पता चला था कि उल्फ़ा बड़े पैमाने पर सैनिकों की हत्या करना चाह रहा था इसके लिए बम धमाकों की गई साजिशें रची गई थी।
परेश बरुआ, अरुणोदय दुहट्या, अभिजीत गोगोई, पराग बोरा और बिजय मोरान के ख़िलाफ़ सेना पर हमले और सैनिकों की हत्या की साज़िश रचने के मामले में चार्जशीट दाख़िल की गई।