होमगार्ड सैनिक मोहनलाल मालवीय और उनके साथियों ने बताया कि उन्हें होमगार्ड सर्विस में सेवा देते हुए 40 साल से अधिक हो गए है। पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा काम करते है। बाढ आपदा हो या लॉ एंड ऑर्डर, त्यौहार या दंगे हमेशा होमगार्ड पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहती है। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है और पुलिसकर्मी के सामान वेतन लागू किया है। लेकिन उसके बाद भी होमगार्ड सैनिक की स्थिति में अभी सुधार नहीं हुआ है। तीन माह से लगातार वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे परिवार का गुजर बसर करना काफी भारी पड़ रहा है। होमगार्ड में पदस्थ अधिकारियों का तो समय पर वेतन आ रहा है। लेकिन हमेशा आपदा में खड़े रहने वाले सैनिक को वेतन के लिए मायूस रखा जा रहा है। वहीं अधिकारी भी संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दे रहें है।
सरकार का दोहरा मापदंड
होमगार्ड सैनिक जगदीश गिरी ने बताया कि जिले में करीब १६२ होगार्ड सैनिक है। पुलिस के साथ लगातार हर समय होमागार्ड से ड्यूटी ली जाती है। लेकिन वेतन भुगतान में प्रदेश सरकार दोहरा मापदंड अपना रही है। आज तीन माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। गांव और दूरदराज से रहने वाले होमगार्ड सैनिक को परिवार का गुजर बसर करना भी भारी पड़ रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश है कि आरक्षक की भांति होमगार्ड सैनिक को वेतन का भुगतान किया जाए।
अभी होगा 15 दिन के वेतन का भुगतान
नीमच जिले में होमगार्ड में 162 सैनिक पदस्थ है। जिनका वेतन ऊपर से ही अटका हुआ है। जिसके संबंध में अभी उनके पास आदेश आया है कि १५ दिन के वेतन का प्रत्येक होमगार्ड सैनिक का भुगतान किया जाए। जिसकी सूची तैयार कर भेजी जा रही है।
– राजेंद्र सिंह खींची, होमगार्ड कमांडेंट नीमच।