कौन हैं चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू?
कर्नाटक के मूल निवासी सुनील कानुगोलू भारत के सबसे लोकप्रिय चुनाव रणनीतिकारों में से एक हैं, जिन्हें मई 2023 में कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत का श्रेय दिया जाता है। तेलंगाना में कांग्रेस के चुनाव अभियान की योजना बनाने के पीछे कानुगोलू ही थे, जिन्होंने पार्टी को जीत दिलाई। राज्य में प्रचंड बहुमत हासिल किया।
कनुगोलू ने ठुकराया केसीआर का ऑफर
दो साल पहले कनुगोलू को केसीआर ने एक बैठक के लिए हैदराबाद में अपने फार्महाउस पर आमंत्रित किया था। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने उन्हें चुनावों के लिए चुनावी रणनीति टीम में लेने की पेशकश की, लेकिन कनुगोलू ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और इसके बजाय कांग्रेस में शामिल हो गए।
भारत जोड़ो यात्रा में कर चुके है काम
कनुगोलू को वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी का प्रत्यक्ष सलाहकार माना जाता है। उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के एक बड़े हिस्से की योजना बनाने का काम भी सौंपा गया था। कांग्रेस से पहले, चुनावी रणनीतिकार ने अन्नाद्रमुक, भाजपा और द्रमुक के साथ काम किया था।
प्रशांत किशोर की टीम में किया था काम
प्रशांत किशोर द्वारा चुनाव रणनीतिकार बनने के उनके प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद कांग्रेस ने कनुगोलू को राजनीतिकार बनाया। उन्हें टास्क फोर्स 2024 के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले, सुनील कनुगोलू 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाली प्रशांत किशोर की टीम का हिस्सा थे, जब नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे।
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कांग्रेस की पहली जीत
2014 में राज्य की स्थापना के बाद से यह पहली बार है कि बीआरएस तेलंगाना में चुनाव हारे है। के चंद्रशेखर राव 2014 के बाद पहली बार सीएम पद से हटेंगे। संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी अगला सीएम बन सकते है।
तेलंगाना में कांग्रेस को फायदा
तेलंगाना में 119 सीटों पर हुए चुनाव पर कांग्रेस ने 64 सीटें पर जीत दर्ज की है। बीआरएस ने 39 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा ने 8 सीटें जीतीं। भगवा पार्टी को सात सीटों का फायदा हुआ है। इस बार कांग्रेस ने 39 प्रतिशत वोट शेयर हालिस किया है। जबकि भारत राष्ट्र समिति को 37.4 प्रतिशत वोट मिला है। पिछले चुनाव में बीजेपी को करीब 7 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार 14 प्रतिशत वोट मिले हैं। इससे पहले 2018 में बीआरएस ने 47.4 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और कांग्रेस को 29 प्रतिशत मिले थे।