कौन है जॉर्ज सोरोस
जॉर्ज सोरोस का नाम भारत में पहली बार नहीं आया है। इससे पहले भी सोरोस का नाम आ चुका है। इससे पहले अडाणी मुद्दे, मोदी सरकार पर टिप्पणी करके वह विवादों में आए थे। हंगरी के बुडापेस्ट में 1930 में सोरोस का जन्म हुआ था। सोरोस का नाता विवादों से रहा है। सोरोस का सबसे विवादित फाइनेंशियल मूव 1992 में आया था, उस समय उन्होंने ब्रिटिश पाउंड के खिलाफ दांव लगाया और एक ही दिन में 1 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की। इसके बाद उन्हें द मैन हू ब्रोक द बैंक ऑफ इंग्लैंड का उपनाम भी दिया गया, जिसका अर्थ होता है-बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने वाला व्यक्ति।
पीएम मोदी के है धुर आलोचक
जॉर्ज सोरोस की पहचान एक ऐसे व्यक्ति की रही है जो विश्व के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने के लिए अपना एजेंडा चलाता है। सोरोस को पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों का भी धुर आलोचक माना जाता है। 2020 में दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम पर एक भाषण के दौरान सोरोस ने पीएम मोदी और उनकी सरकार की खूब आलोचना की थी। उन्होंने मोदी सरकार परअधिनायकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया था। इसके अलावा मोदी सरकार पर विभाजनकारी नीतियों को लागू करने का आरोप लगाया। पीएम मोदी को सोरोस ने विश्व स्तर पर लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करने वाले राष्ट्रवादी नेताओं में से एक बताया था। सोरोस के इस बयान की भारतीय नेताओं ने कड़ी आलोचना की थी।