किसने बनाया था पहला बुलडोजर
दुनिया का सबसे पहला बुलडोजर 18 दिसंबर, 1923 में बनाया गया था। खेत के लिए समतल जमीन तैयार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया। जेम्स कुमिंग्स नाम के एक किसान और जे अर्ल मैकलेयोड नाम के एक ड्राफ्ट्समैन ने मिलकर इसका डिजाइन तैयार किया था। किसान और ड्राफ्टमैन दोनों अमरीकी के कंसस में रहते थे। जहां कई जगहों पर खेती करना बहुत उबड़ खाबड़ जगहों के कारण खेती करने में परेशानियां आ रही थी।
तब ट्रैक्टर लगते थे बुलडोजर
दोनों ने इसका अमरीकी पेटेंट (पेटेंट नंबर 1,522,378) भी करा लिया। उस समय मूलतौर पर बुलडोजर ट्रैक्टर जैसे ही लगते थे। फिर धीरे धीरे इनमें बदलाव किया गया। 1930 के दशक में इसका खेतों और कृषिकामों में इस्तेमाल होने लगे। इसके बाद अब बड़ी से बड़ी गाड़ियों को उठाने और बड़ी से बड़ी बिल्डिंग को ढहाने से लेकर जमीन की खुदाई में भी इसका खूब इस्तेमाल हो रहा है।
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कितने लाख का आता है बुलडोजर
भारत में बुलडोजर की कीमत करीब 10 लाख रुपए से शुरू होती हैं। अधिकांश बुलडोजर विदेशों से आय़ात किए जाते है। टाटा या दूसरी बड़ी कंपनियां विदेशी तकनीक से सहयोग करके इसको अपने देश में तैयार किया जाता है। मॉडल, कंपनी और खासियतों के अनुसार इसके दाम 50 लाख रुपए तक भी हो सकता है।
कहां से आती है इतनी ताकत
आज के समय में जमीन की खुदाई, कोई बहुत भारी मशीन या सामाना या वाहन उठाने से लेकर किसी इमारत को गिराने में जेसीबी को काम में लिया जाता है। इसमें इतनी ताकत कहां से आती है। इसका काम टेक्निकल है। यह हाइड्रोलिक प्रेशर के जरिए काम करता है। ड्राइवर इसे एक गियर यानी नट से चलाता और कंट्रोल करता है।
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कितना वजन उठाने की क्षमता
एक्सपर्ट के मुताबिक जेसीबी में अधिकतम 100 क्विंटल तक का वजन उठाने में सक्षम होती है। अगर छोटे बुलडोजर की बात करे तो वह 20 क्विंटल तक वजन उठा सकता है। वजन उठाते समय अधिक वजन होने का संकेत इंडिकेटर के जरिए देता है। क्षमता से ज्यादा वजन उठाने पर हॉर्स पाइप्स के डैमेज हो सकता है। इसके अलावा हाइड्रोलिक पंप में भी खराब आ सकती है।
वो कंपनियां बनाती हैं बुलडोजर
वैसे दुनियाभर में कई कंपनियां बुलडोजर बनाती हैं। इस लिस्ट में कैटरपिलर, कोमात्सु, लिभर, केज औऱ जॉन डीरे शामिल हैं। अब आधुनिक बुलडोजर कई तरह की नई तकनीक से लैस हो गए हैं। इसमें हाइड्रॉलिक सिलेंडर,जीपीएस जैसी तकनीक भी शामिल है।