सब मोबाइल में मशगूल
संवाद सेतु कार्यक्रम में शहर के गणमान्य लोग शामिल हुए, जिनमें शहर के समाजसेवी, कारोबारी, नेता, शिक्षाविदों के अलावा नई पीढ़ी के युवा भी शामिल हुए। मोबाइल के चक्कर में अलग-थलग पड़ रहे बच्चों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन आदमी से अधिक अच्छा लगने लगा है। सब मोबाइल में इतने मशगूल रहते हैं कि न माता-पिता को बच्चों का ध्यान रहता और न ही बच्चों को माता-पिता का। राजनीति में आए बदलाव का जिक्र करते हुए कोठारी ने कहा कि नेताओं को अपनी पार्टी की चिन्ता तभी तक रहती है, जब तक टिकट नहीं मिल जाए। उसके बाद वे सिर्फ अपने परिवार की चिंता में लग जाते हैं। देश व समाज को दिशा देने के लिए सामूहिक चिंतन जरूरी है।
पेड़ बनने के लिए तकलीफ सहनी पड़ेगी
कोठारी ने कहा, यदि किसी बीज को बड़ा फलदार और छायादार पेड़ बनाना है तो उसे अपने अस्तित्व को छोडऩा होगा। सर्दी गर्मी आदि मौसम की मार झेलनी पड़ेगी, तभी वह बड़ा फलदार और छायादार पेड़ बनेगा। हमें उस सार्थकता को अपने अंदर ढूंढना पड़ेगा। संवाद सेतु कार्यक्रम में आगंतुकों ने सूरत शहर के मुद्दों व विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। प्रमुख लोगों में पदमश्री मथुर भाई सबाणी, विधायक संगीता पाटील, टेक्सटाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश हाकिम, लक्ष्मीपति समूह के निदेशक संजय सरावगी, पूर्व मेयर हेमाली बोधावाला, प्रतिभा ग्रुप के प्रमोद चौधरी, वनिता विश्राम महिला विश्वविद्यालय के कुलपति दक्षेश ठाकर, छायडो के अध्यक्ष भरत भाई शाह, हीरा कारोबारी दीपक चौकसी आदि शामिल थे। इस अवसर पर सूरत के विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से कोठारी का अभिन्ंदन भी किया गया।