PPF से इसलिए बेहतर है VPF
-पीपीएफ में केवल 7.1% सालाना ब्याज मिल रहा, लेकिन वीपीएफ में ब्याज दरें अभी 8.15% है। – पीपीएफ में टैक्स बचत के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपए निवेश कर सकते हैं, जबकि वीपीएफ में यह सीमा 2.5 लाख रुपए तक है। – पीपीएफ का लॉकइन पीरियड 15 साल है, जबकि वीपीएफ का लॉकइन पीरियड 5 साल है।
VPF के फायदे (Advantages of VPF)
-वीपीएफ EEE श्रेणी की निवेश योजना है। इसमें किए गए निवेश, कुल जमा राशि और ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है। -वीपीएफ एक जोखिम रहित निवेश योजना है, क्योंकि सरकार इसकी गारंटी देती है। इसमें अन्य सभी बचत योजनाओं से ज्यादा ब्याज मिल रहा है।
कब करें वीपीएफ में निवेश
-अगर सालाना ईपीएफ योदगान 2.50 लाख रुपए से कम है तो तुरंत वीपीएफ में निवेश शुरू कर देना चाहिए। -साल में दो बार वीपीएफ में जमा की जाने वाली राशि में बदलाव कर सकते हैं।
उदाहरण से समझें कितना करें निवेश
बेसिक सैलरी: 40,000 रुपए ईपीएफ में सालाना निवेश: (40,000 का 12%)312 = 57,600 रु. वीपीएफ में अधिकतम टैक्स-फ्री निवेश 2,50,000-57,600 = 1,42,000 रु. (सालाना 1.42 लाख रुपए निवेश पर ब्याज से होने वाली आय टैक्स-फ्री होगी)
VPF में ऐसे करें निवेश
वीपीएफ में निवेश करने के लिए आपको कंपनी के एचआर से बात करनी होगी। एचआर की मदद से वीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं। वीपीएफ में सैलरी का कितना योगदान बढ़ाना है, इसके बारे में एक फॉर्म भरकर एचआर के पास जमा कराना होता है।इस तरह PPF में मिलेगी ज्यादा ब्याज
1. पीपीएफ में पैसा हर महीने की 1 से 5 तारीख के बीच जमा करना चाहिए। नियमों के मुताबिक, प्रोविडेंट फंड खाते में ब्याज की गणना महीने की अंतिम तारीख से 5 तारीख के बीच खाते में जमा राशि पर की जाती है। 5 तारीख के बाद जमा पैसे पर अगले महीने से ब्याज मिलना शुरू होता है। 2. पीपीएफ खाते में जमा रकम पर ज्यादा ब्याज पाने के लिए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही पूरा निवेश कर देना चाहिए। यानी सालभर में जितना पैसा पीपीएफ में लगाना चाहते हैं, उतना एकसाथ 5 अप्रेल तक जमा करा दें। ऐसा करने से आपको साल के शुरू से लेकर अंत तक पूरी रकम पर ब्याज मिलेगा और ज्यादा फायदा होगा।