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Uttarkashi Tunnel Collapse: सुरंग में फंसे मजूदर खेलेंगे लूडो और ताश, जानिए एनडीआरएफ का क्या है प्लान?

बचाव अभियान के आखिरी चरण में मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों के सुझाव पर सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए लूडो और ताश के पत्ते भेज रही है। ताकि उन्हें मानसिक मजबूती मिलेगी।

Nov 24, 2023 / 02:55 pm

Shaitan Prajapat

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव कार्य जारी है। बचाव दल उत्तराखंड में एक ध्वस्त सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने के अभियान के समापन के करीब पहुंच रहे हैं। बचाव दल के सदस्य गिरीश सिंह रावत ने कहा कि बचाव अभियान लगभग अपने अंतिम चरण में है। 13 दिनों से सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के दिमाग पर भारी स्ट्रेस है। बचाव अभियान के आखिरी चरण में मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों के सुझाव पर मजदूरों तक लूडो और ताश के पत्ते भेजने की योजना बनाई है। सुरंग बनाने के एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि बरमा मशीन खराब होने के बाद कल देर रात ड्रिलिंग कार्य रोकना पड़ा था। हालांकि, PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, अभी स्थिति काफी ठीक है।

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सुरंग के अंदर मजदूर खेलेंगे लूडो, शतरंज और ताश

बचाव अभियान के आखिरी चरण में मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों के सुझाव पर सूरंग में फंसे मजदूरों के लिए लूडो, शतरंज और ताश के पत्ते भेजने वाले है। ताकि अंदर खेल कर मजदूर थोड़े आराम मिल सकेगा। इससे उन्हें मानसिक मजबूती मिलेगी। बचाव स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. रोहित गोंडवाल ने कहा है, अंदर फंसे हुए सभी 41 मजदूर स्वस्थ हैं, लेकिन उन्हें मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रखना जरूरी है। मजदूरों का तनाव दूर करने में मदद के लिए लूडो, शतरंज और ताश उपलब्ध कराने की योजना बना रहे है।

टनल के अंदर भेजा जाएगा ड्रोन

सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान की स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक कमांडेंट के नेतृत्व में 15 सदस्यीय एनडीआरएफ टीम को बचाव अभियान सौंपा गया है। टनल के अंदर ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल भी करने की योजना है जिसके पता चल सके की टनल के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किस तरह की दिक्क़तें आ सकती हैं और उसको दूर कैसे किया जा सकता है।

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ऑगर ड्रिलिंग मशीन में फिर आई खराबी

ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी के कारण उत्तरकाशी सुरंग में बचाव अभियान एक बार फिर रुक गया है। गुरुवार को जब बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में था तो जिस प्लेटफॉर्म पर उपकरण लगा हुआ था उसमें कुछ दरारें आ गईं।

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