प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला किया गया। सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मोदी सरकार के निर्णय से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ होगा। केंद्र के इस पेंशन मॉडल को राज्य भी अपने स्तर से लागू कर सकते हैं। नई योजना एक अप्रेल 2025 से लागू होगी। पेंशनर की मृत्यु पर 60 फीसदी फेमिली पेंशन का भी लाभ दिया जाएगा।
यूपीएस का लाभ उठाने के लिए 25 साल की सेवा जरूरी
अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया तो उसे रिटायरमेंट के अंतिम 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। अगर किसी पेंशनभोगी की मृत्यु होती है तो उसके परिवार को मृत्यु के वक्त मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा। अगर 10 साल के बाद नौकरी छोड़ते हैं तो न्यूनतम दस हजार रुपए पेंशन मिलेगी। कर्मचारियों को अलग से अंशदान नहीं करना होगा। केंद्र सरकार 18.5 प्रतिशत अंशदान करेगी।
व्यापक चर्चा के बाद UPS फैसला
वैष्णव ने बताया कि देशभर में सरकारी कर्मचारियों की ओर से एनपीएस में सुधार की मांग की जा रही थी। सरकार ने अप्रैल 2023 में वित्त सचिव डॉ.टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में इस पर समिति बनाई थी। समिति ने सौ से ज्यादा कर्मचारी संगठनों-यूनियन के साथ विस्तार से सलाह-मशविरा करने के अलावा रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय से भी चर्चा की। राज्यों के वित्त सचिव, राजनीतिक नेतृत्व, कर्मचारी संघों ने अपने सुझाव दिए। इसके बाद समिति ने यूपीएस की सिफारिश की है जिसे कैबिनेट ने मंजूर कर लिया।
रिटायर हो चुके कर्मचारियों को भी लाभ
वित्त सचिव डॉ.सोमनाथन ने कहा कि जो कर्मचारी 2004 से अब तक और आगे 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे वे भी यूपीएस के पांच बिंदुओं का फायदा ले सकेंगे। उन्हें एरियर और उस पर ब्याज भी दिया जाएगा। जो राशि उन्हें मिल चुकी है, उसमें से नई गणना के मुताबिक रकम एडजस्ट होगी। एरियर के लिए 800 करोड़ रुपये रखे गए हैं। केंद्र का पेंशन में जो योगदान बढ़ेगा, उस पर सालाना 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा। यूपीएस के लिए धन का इंतजाम कर लिया गया है।