सुरक्षा विशेषज्ञों की माने तो इन आतंकियों ने हाल में ही पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ की थी। इनमें से दो को कठुआ में मार गिराया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकियों ने भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना और तीर्थयात्रियों पर हुआ हमला अचानक नहीं था। यह पूरी तरह से योजनाबद्ध हमला था। कठुआ में वरिष्ठ अधिकारियों पर हुआ हमला इस बात का प्रमाण है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने बुधवार को कठुआ जिले के हीरानगर इलाके से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए। यहां आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इसमें दो आतंकी मारे गए हैं। सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया है। हीरानगर इलाके के सेडा सोहल गांव में मंगलवार शाम को आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ चल रही है।
यह भी हुआ बरामद
बरामद किए गए हथियारों और गोला-बारूद में 30 राउंड वाली तीन मैगजीन, 24 राउंड वाली एक मैगजीन, पॉलीथीन बैग में 75 राउंड, तीन जिंदा ग्रेनेड, एक लाख रुपए के नोट, पाकिस्तानी चॉकलेट, सूखा छेना और रोटियां, पाकिस्तान में बनी दवाएं और दर्द निवारक इंजेक्शन, ए4 बैटरी सेल के दो पैक, एंटीना वाला एक हैंडसेट और दो तार शामिल हैं।
बरामद किए गए हथियारों और गोला-बारूद में 30 राउंड वाली तीन मैगजीन, 24 राउंड वाली एक मैगजीन, पॉलीथीन बैग में 75 राउंड, तीन जिंदा ग्रेनेड, एक लाख रुपए के नोट, पाकिस्तानी चॉकलेट, सूखा छेना और रोटियां, पाकिस्तान में बनी दवाएं और दर्द निवारक इंजेक्शन, ए4 बैटरी सेल के दो पैक, एंटीना वाला एक हैंडसेट और दो तार शामिल हैं।
बहुत खतरनाक है यह कारबाईन…
- इस कारबाईन में स्टील की गोलियों का होता है प्रयोग
- इसकी गोलियां आसानी से वाहनों की प्लेट तोड़ सकती हैं
- जैश ए मोहम्मद का गुट पीएएफएफ करता है इस्तेमाल
- इससे पहले पुंछ और राजौरी में हो चुका है इसका प्रयोग
- 1980 में अमरीका ने बनाई थी यह राइफल
- इसमें दूरबीन लगी रहती है
- यह बहुत दूर तक कर सकती है मार
- ड्रोन से हो रही है एम 4 की तस्करी
- आतंकियों के पास से सबसे ज्यादा यही राइफल बरामद हो रही है
11.एम-4 का वजन काफी कम होता है।
12.इसकी बड़ी खासियत है कस्टमाइज़ेशन।
13.इसमें कई सारी चीजें जोड़ी जा सकती हैं।
14.दूर तक देखने के लिए टेलीस्कोप का भी इस्तेमाल होता है
15.इसकी मारक क्षमता करीब 600 मीटर होती है।
साथ ही यह 950 गोलियां लगातार दाग सकती हैं।