बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की आज 100वीं जन्म जयंती है। इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार शाम को देश के प्रमुख समाजवादी नेता को (मरणोपरांत) भारत रत्न देने का ऐलान किया। इस पर पहले तो बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपनी और अपनी पार्टी का जीत बताया। वहीं, उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव में फायदा उठाने के लिए काफी देर से और चुनाव से ठीक पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया है।
जातिगत जनगणना से डरकर लिया फैसला
तेजस्वी यादव ने कर्पूरी जयंती के मौके पर बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लंबे समय से यह मांग कर रहे थे। हमें खुशी है कि पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया है। राजनीतिक तौर पर इसका प्रभाव भी दिखाई देगा। केंद्र की बीजेपी सरकार ने यह फैसला लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लिया है, यह महत्वपूर्ण है या नहीं, यह मायने नहीं रखता है। बल्कि मायने यह रखता है कि हमारी मांग पूरी हो गई है।
अति पिछड़ों को आरक्षण देने की व्यवस्था कर्पूरी ने की थी
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में जाति गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद जो आबादी की जो संख्या निकलकर आई, उसके बाद ही भारत सरकार को यह निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। बता दें कि जाति गणना के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा 36 फीसदी है। कर्पूरी ठाकुर को इसी वर्ग का मसीहा माना जाता था। अति पिछड़ों को आरक्षण देने की व्यवस्था भी कर्पूरी ने ही लागू की थी।
कांशीराम के लिए भी मांगा भारत रत्न
इस दौरान तेजस्वी यादव ने बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक और देश के बड़े दलित नेता कांशीराम को भी भारत रत्न देने की मांग की है। बता दें कि बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य में आरक्षण का दायरा बढ़ाया है।