रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेनिंग ले रही किशोरी नंदयाल जिले की रहने वाली है। वह दूसरे वर्ष की इंटरमीडिएट की छात्रा है। उसने रविवार को हॉस्टल में बच्चे को जन्म दिया और खिडक़ी से बाहर फेंक दिया। बताया जाता है कि किशोरी का स्वास्थ्य बिगडऩे के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पूरे मामले का खुलासा हुआ। जानकारी मिलने पर पुलिस और महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मृत नवजात का शव बरामद कर मामले की जांच शुरु कर दी गई है। शुरुआती जांच में पता चला कि किशोरी और ट्रेनी पादरी के बीच संबंध थे। इसको लेकर हॉस्टल की अन्य छात्राओं और प्रशासन से पूछताछ की जा रही है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग रिपोर्ट तैयार कर रहा है
महिलाओं की सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल
हॉस्टल डायोसिस ऑफ एलुरु की ओर से संचालित किया जाता है। इस घटना ने चर्च प्रशासित संस्थानों की निगरानी और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासनिक लापरवाही, महिलाओं की सुरक्षा और संस्थागत जिम्मेदारी पर बहस शुरू हो गई है। किशोरी की गर्भावस्था के बावजूद उसके सहपाठियों और हॉस्टल प्रशासन ने न तो उसके स्वास्थ्य को गंभीरता से लिया और न ही अधिकारियों को सूचित किया।