नियोजित शिक्षक जहां हैं, वहीं रहेंगे
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 के नवंबर माह में जब हम लोग सरकार में आए थे तब से शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था, आवागमन सहित सभी क्षेत्रों में बेहतरी के लिए काम किया जा रहा है। पहले शाम में कोई घर से बाहर नहीं निकलता था, कहीं कोई रास्ता नहीं बना हुआ था।
28 हजार नियोजित शिक्षक से सरकारी शिक्षक
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में शिक्षकों की कमी होने के कारण वर्ष 2006-07 से पंचायत एवं नगर निकायों के माध्यम से बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की गयी जिनकी कुल संख्या लगभग 3 लाख 67 हजार 143 है। वर्ष 2023 में बिहार लोक सेवा आयोग से नये शिक्षकों की नियुक्ति शुरू की गयी जिसमें 28 हजार नियोजित शिक्षक से सरकारी शिक्षक हो गये। बचे हुए नियोजित शिक्षक, सरकारी शिक्षक बनने की मांग कर रहे थे, तो वर्ष 2023 में ही तय कर दिया गया कि अलग से एक मामूली परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को सरकारी शिक्षक बनने का अवसर दिया जायेगा और इसके लिए 5 मौके दिये जायेंगे। अब तक 1 लाख 14 हजार 138 सरकारी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक दो परीक्षाओं का आयोजन हो चुका है। पहली सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया गया जिसमें 1 लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षक पास हुए हैं, जिनके प्रमाण-पत्रों की जांच चल रही है। अब तक 1 लाख 14 हजार 138 सरकारी शिक्षकों के प्रमाण-पत्र सही पाए गए हैं, उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। बचे हुए शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच जारी है।
विशेष शिक्षक अपने स्कूलों में करते रहेंगे काम
उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षक अपने नये पदस्थापन को लेकर परेशान हैं, इसलिए हमलोगों ने निर्णय लिया है कि जो नियोजित शिक्षक जिस जगह पर काम कर रहे हैं, तत्काल सरकारी शिक्षक बनने के बाद उसी स्थान पर काम करते रहेंगे और इनके नये पदस्थापन पर बाद में निर्णय लिया जायेगा।