दरअसल, कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जोइश ईरानी बेटी पर गोवा में अवैध बार चलाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद स्मृति ईरानी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिक दायर कर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ सिविल मानहानि का मुकदमा दायर किया है। स्मृति ईरानी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जिस बार का जिक्र कांग्रेस नेता बार-बार कर रहे हैं उससे उनकी बेटी का कोई रिश्ता या लेना देना नहीं है। नफरत की भावना से उस बार के साथ मेरी बेटी का नाम जोड़ा गया है। इस मामले में कांग्रेस नेताओं द्वारा आधारहीन और मनगढ़ंत आरोप लगाए गए हैं।
इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेताओं को दिल्ली हाईकोर्ट ने समन जारी किया है। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सभी संबंधित पोस्ट हटाने का निर्देश देते हुए अंतरिम निषेधाज्ञा पारित की है। जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने कहा कि अगर कांग्रेस नेता 24 घंटे के अंदर उसके निर्देशों का पालन नहीं करते तो सोशल मीडिया मंच ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब स्वयं इससे संबंधित पोस्ट हटा दें।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर गोवा में ‘अवैध बार’ चलाने का आरोप लगाते हुए दावा किया था, “केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी ने गोवा में अपने ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ के लिए फ़र्ज़ी दस्तावेज़ देकर ‘बार लाइसेंस’ जारी करवाए हैं।” इस मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने अपने ट्वीटर हैंडल से कई तस्वीरें भी शेयर की थीं। इसके साथ ही पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री से स्मृति ईरानी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग भी की थी।
केंद्रीय मंत्री ईरानी ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने को लेकर दो करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को समन जारी कर अगली सुनवाई में जवाब के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है। साथ ही मानहानि का मामला दर्ज होने की वजह से समन भी जारी किया है। इस मामले में 18 अगस्त को अगली सुनवाई होगी।
वही कोर्ट द्वारा जारी किए गए समन पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का ट्वीट कर कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने हमें स्मृति ईरानी द्वारा दायर मामले का औपचारिक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है. हम अदालत के सामने तथ्यों को पेश करने के लिए उत्सुक हैं। हम स्मृति ईरानी द्वारा डाली जा रही दायर केस को चुनौती देंगे और खारिज करेंगे।