खेत-खलिहानों में बहार लाने वाला एमपी मॉडल
कभी मध्य प्रदेश को दूसरे राज्यों से अन्न मंगाना पड़ता था। सिंचाई सुविधाओं का अभाव था और पर्याप्त उपजाऊ खेत भी नहीं थे। लेकिन, मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्रांति लाकर राज्य की तकदीर बदल दी। राज्य को अन्न उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि पंजाब को पीछे छोड़ सरकारी एजेंसियों को सप्लाई का रिकॉर्ड भी बनाया। उनके सीएम रहते मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र में औसत वार्षिक वृद्धि 6.1 प्रतिशत दर्ज की गई जो 10 वर्षों के राष्ट्रीय औसत 3.9 प्रतिशत से कहीं अधिक है। यह चमत्कार ऐसे नहीं हुआ। पहले शिवराज ने बंजर पड़ी जमीनों को उपजाऊ बनाने का अभियान चलाया। उर्वरता बढ़ाई। फसलों के लिए सिंचाई सुविधाओं का भी उन्होंने विस्तार किया। नहरों का जाल बिछाया। वहीं पंप कनेक्शन भी खूब दिए।चर्चा में रहा अंत्योदय मेला
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने आम आदमी को खास होने का अहसास दिलाने के लिए अंत्योदय मेले की पहल की। मकसद रहा कि आम आदमी को सरकार की सेवाओं और योजनाओं के लाभों के लिए किसी के चक्कर नहीं काटने पड़े।चुनावी राजनीति का सफरनामा
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैत गांव में 5 मार्च 1959 को जन्मे शिवराज सिंह चौहान के सार्वजनिक जीवन की शुरुआत आरएसएस और एबीवीपी से हुई और 1990 में पहली बार बुधनी से विधायक बने। इसके बाद 1991 से लगातार 2004 तक पांच बार सांसद बने। 29 नवंबर 2005 को पहली बार एमपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। शिवराज मध्यप्रदेश के सर्वाधिक 4 बार और सबसे लंबे समय तक (16 साल से अधिक) मुख्यमंत्री रहे। दर्शनशास्त्र में स्वर्ण पदक के साथ मास्टर्स की शिक्षा हासिल करने वाले शिवराज संगीत और आध्यात्मिक साहित्य में गहरी रुचि रखते हैं। भजन जब गाते हैं तो वीडियो वायरल हो जाते हैं।चुनौतियां
—किसानों की आय दोगुनी करना—किसानों की एमएसपी की मांग का समाधान
—कृषि में विविधता लाना, दलहन-तिलहन का आयात रोकना
—गांवों का ग्रोथ मॉडल बनाना
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