घोष ने कहा, “कोलकाता पुलिस ने 24 घंटे के भीतर मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया। सरकार विरोधी जनता चाहती थी कि सीबीआई इस मामले को अपने हाथ में ले। अब जबकि मामला सीबीआई के पास है, हमें पता चल रहा है कि संदीप घोष और अभिजीत मंडल। यह एक निराधार मामला था जिसमें सरकार को बदनाम करने के लिए विकृत जानकारी दी गई थी।” उन्होंने कहा, सीबीआई भी मामले को स्थापित नहीं कर सकी। सीबीआई बलात्कार मामले में इन लोगों की संलिप्तता साबित नहीं कर सकी, इसलिए उन्हें जमानत दे दी गई।”
पीड़िता की मां ने जताई नाराजगी
पीड़िता की मां ने कहा, “हम इस बात से बहुत निराश हैं कि CBI ने 90 दिनों में चार्जशीट नहीं दिया। CBI ने काम नहीं किया तभी उन लोगों को जमानत मिल गई। यह बहुत निराशा वाली बात है।”
चार्जशीट दाखिल करने में देरी
आपको बता दें की भाजपा नेता अग्निमित्र पॉल ने मामले में चार्जशीट दाखिल करने में देरी के लिए सीबीआई की आलोचना की। पॉल ने जांच के तरीके को “दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक” बताया। उन्होंने कुछ सीबीआई अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठाए और पीड़ित परिवार को भाजपा के अटूट समर्थन का आश्वासन दिया।
CBI की आलोचना
अग्निमित्र पॉल ने CBI की आलोचना करते हुए कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और काफी शर्मनाक है। अभया के मामले को जिस तरह से सुलझाया जा रहा है, उससे हम बेहद परेशान हैं। मुझे नहीं पता कि सीबीआई के इन कुछ अधिकारियों का क्या एजेंडा है। वे सही समय पर चार्जशीट क्यों नहीं दाखिल कर रहे हैं?”