राम मंदिर का निर्माण पूरा होने की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में राम मंदिर ट्रस्ट बड़े फैसले लेता जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट ने रविवार को अयोध्या आंदोलन के दौरान मारे गए राम भक्तों को श्रद्धांजलि देना का फैसला किया है। ट्रस्ट ने पितृ पक्ष में मंगलवार से अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 11 दिवसीय अनुष्ठान की योजना बनाई है। एक पखवाड़े तक चलने वाले पितृ पक्ष में हिंदू पितरों के लिए धर्म वैदिक अनुष्ठान करते हैं।
10 हजार मिट्टी के दीपक जला कर श्रद्धांजलि देगा मंदिर ट्रस्ट
अयोध्या में मंदिर ट्रस्ट के द्वारा शुरू किए गए नवाह पारायण पथ अनुष्ठान में लगभग 10,000 परिवारों शामिल होंगे। इस पथ में नौ दिनों में संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ शामिल है जो 11 अक्टूबर को समाप्त होगा। आयोजन के आखिरी दिन 13 अक्टूबर को ट्रस्ट राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी पर 10,000 मिट्टी के दीपक जलाएगा। यह पहल काशी के प्रसिद्ध वैदिक पुरोहित लक्ष्मी कांत द्विवेदी की सलाह पर की गई थी।
कितने कारसेवक मारे गए हुए?
RSS के साथ बैठक में लिया गया फैसला
राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, इस कार्यक्रम की योजना 29 सितंबर को अयोध्या में आरएसएस की बैठक में बनाई गई थी। इस बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के अन्य सदस्य और वीएचपी नेता मौजूद रहे। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि ट्रस्ट ने 500 साल लंबे राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है।