कड़े फैसले लेने की क्षमता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि एक कड़े प्रशासक के रूप में है, जो बड़े और मुश्किल फैसला लेने से हिचकते नहीं हैं। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक हो या नोटबंदी और जीएसटी जैसा अहम फैसला हो। आर्टिकल 370 के खात्मा और राम मंदिर के निर्माण का हो। यही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बिना किसी के दबाव में आए फैसले लेने का हो। इसी के साथ पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि उनका तीसरा कार्यकाल भी बड़े निर्णय वाला होगा।
पीएम मोदी की दूर दृष्ठिता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि एक विजनरी नेता के रूप में हैं। इसी की बानगी की है कि प्रधानमंत्री मोदी 2047 तक विकसित भारत बनाने का दावा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा था कि यह वक्त युद्ध का नहीं। कूटनीति और बातचीत से समाधान का है। बाद में से इसे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत दुनिया भर के कई नेताओं ने दोहराया।
साफ छवि
10 साल शासन के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बेदाग है, जबकि विपक्ष के ज्यादातर नेताओं पर गड़बड़ियों और घोटाले के आरोप हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 सालों में एक भी दाग अपने दामन पर लगे नहीं दिया। राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने उद्योगपतियों से साझेदारी और राफेल विमान की खरीद में घोटाले को लेकर कई आरोप लगाएं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी आरोपी को खारिज कर दिया। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तक कह दिया था कि अगर मैं अपने घर की चिंता करता तो आज करोड़ों गरीबों के घर नहीं बन पाते।
शानदार वक्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदी का सबसे शानदार वक्ता भी माना जाता है। एक वक्त था जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और इंदिरा गांधी को सुनने के लिए लाखों लोग की भीड़ भी शांत हो जाया करती थी। आज वक्त बदला है प्रधानमंत्री मोदी की रैलियां में तालिया की गड़गड़ाहट नहीं थमती है। पीएम मोदी के वाक्य बाण से सारे विरोधी परास्त हो जाते हैं। पीएम मोदी जहां जाते हैं, वहां के स्थानीय भाषा और स्थानीय मुद्दों का जरूर जिक्र करते हैं, जिससे आम आदमी भी से उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं।
जोड़ने की क्षमता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तिलिस्म से विरोधी नेता भी बच नहीं पाए हैं। साल 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई तो सिर्फ 4 से 5 राज्यों में ही उसकी सरकार थी, लेकिन आज ना सिर्फ 17 राज्यों में एनडीए की सरकार है बल्कि 12 प्रदेशों में विशुद्ध रूप से भाजपा की सरकार है। वहीं लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्ष के कई बड़े चेहरे प्रधानमंत्री मोदी के कुनबे में शामिल होना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले जहां बिहार में नीतीश कुमार एनडीए के पाले में वापस आ गए हैं तो वहीं महाराष्ट्र में एनसीपी और शिवसेना का एक बड़ा धड़ा प्रधानमंत्री मोदी की ओर खींचा चला आया। इतना ही नहीं चंद्रबाबू नायडू और सुखबीर सिंह बादल जैसे पूर्व सहयोगी भी वापस एनडीए में लौटने के लिए आतुर है।
मुद्दों की समझ और पकड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में मुद्दों की समझ और पकड़ जबरदस्त है और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस के कार्यकर्ता के रूप में ग्रासरूट लेवल पर भी काम किया तो वहीं पिछले 23 सालों से सत्ता पर काबिज है। यही कॉम्बिनेशन उन्हें अचूक बनाता है। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं, युवाओं और किसानों पर खास फोकस रखते हैं। जिसका नतीजा है कि उन्हें इन तीनों ही तबकों से अपार प्रेम हासिल होता है। उन्होंने लखपति दीदी जैसी स्वयं सहायता योजना का आगाज किया तो लाल किले की प्राचीन से शौचालय जैसे गंभीर और मूलभूत मुद्दे को भी उठाया। तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई। वहीं महिलाओं को आरक्षण देने का कानून भी लेकर आए। यही नहीं युवाओं और किसानों को स्टार्टअप इंडिया और किसान सम्मन निधि जैसी योजनाएं दी।
मोदी टेक फ्रेंडली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 73 वर्ष की उम्र में भी टेक फ्रेंडली है और आधुनिकता से परहेज नहीं करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के जरिए भारत में डिजिटल क्रांति लाने की कोशिश की। आज भारत के यूपीआई का लोहा पूरी दुनिया मान रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के भारत दौरे के दौरान जयपुर में उन्होंने यूपीआई पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल करके एक आसान पेमेंट सिस्टम दूनिया तक पहुंचाने की ठानी। वहीं इसके चलते देश आज कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है। वहीं जनधन योजना के तहत देशभर के हर नागरिक का बैंक अकाउंट खोला गया, जिसके चलते योजनाओं के लाभ की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाता तक पहुंच सके।
सही वक्त पर सही फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सही वक्त पर सही फैसला लेने के चलते भी एक विजनरी लीडर कहा जाता है और यही कारण है कि उन्होंने अपने विरोधियों को हर कदम पर शिकस्त दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर चीज में धैर्य रखकर, स्ट्रेटजी के साथ फैसला लेते हैं और फिर उसे अमल में लाते हैं। इसकी बानगी दुनिया ने तब देखी जब उरी में आतंकी हमला हुआ और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए एक फुलप्रूफ प्लान तैयार किया गया और उसे बेहद शानदार प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया। इसका नतीजा क्या रहा इसे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने देखा।