इजरायल और गाजा में छिड़ी लड़ाई का मुद्दा दूसरी वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में भी उठा। प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को समिट के उद्घाटन सत्र में इजरायल-हमास के बीच चल रहे सघर्ष पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या गलत है। भारत की मेजबानी में वर्चुअल आयोजित हो रही समिट में पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां उभर रही हैं।
भारत ने इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। हमने संयम भी बरता है, हमने बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है। हम इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में नागरिकों की मौत की भी कड़ी निंदा करते हैं। हमने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करने के बाद मानवीय सहायता भी भेजी है। यही वह समय है जब ग्लोबल साउथ के देशों को वैश्विक कल्याण के लिए एकजुट होना चाहिए।
ग्लोबल साउथ हमेशा अस्तित्व में रहा
समिट में मोदी ने कहा कि ‘भौगोलिक रूप से, ग्लोबल साउथ हमेशा अस्तित्व में रहा है लेकिन इसे पहली बार आवाज मिल रही है और यह संयुक्त प्रयासों के कारण है। हम 100 से अधिक देश हैं लेकिन हमारी प्राथमिकताएं समान हैं। पिछले साल, जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, हमारा प्रयास लोगों के, लोगों द्वारा और लोगों के लिए विकास पर ध्यान केंद्रित करने का था।’
एआइ के युग में टेक्नोलॉजी को उपयोग में लाने की बहुत जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि एआइ के युग में टेक्नोलॉजी को जिम्मेदार तरीके से उपयोग में लाने की बहुत जरूरत है। इसको आगे बढ़ाने के लिए भारत में अगले महीने एआइ ग्लोबल पार्टनरशिप समिट आयोजित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी के बाद से यह दूसरी बार है कि भारत ग्लोबल साउथ के विकासशील देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। पहले शिखर सम्मेलन की थीम ‘ऊर्जा सुरक्षा और विकास: समृद्धि के लिए रोडमैप’ थी।
नागरिकों को नुकसान के लिए हमास जिम्मेदार: नेतन्याहू
यरुशलम. फिलिस्तीन ने दोहराया है कि इजरायल की बमबारी और जमीनी हमलों में अब तक 11,500 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर नागरिक और हजारों बच्चे शामिल हैं। उधर, अल-शिफा अस्पताल पर हमलों का बचाव करते हुए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलिस्तीन के नागरिकों के हताहत होने के पीछे हमास को दोषी ठहराते हुए कहा है कि इजरायली सैनिकों को गाजा के अल-शिफा अस्पताल में हमास द्वारा इस्तेमाल किया गया एक सुरंग शाफ्ट मिला है।
हमास ने सुरंगों में हथियार और गोला-बारूद जमा कर लिया है और अल-शिफा जैसे अस्पतालों के नीचे सुरंगों के एक नेटवर्क में इजरायली बंधकों को रखा है। मरीजों और वहां शरण लेने वाले हजारों विस्थापित लोगों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। हमास ने इससे इनकार किया है।
युद्ध अपडेट
अल-शिफा अस्पताल एक ‘बड़ी जेल’: इजरायल ने अल-शिफा अस्पताल पर हमले के बाद वहां की तलाशी जारी रखी है। अस्पताल के डायरेक्टर मुहम्मद अबू सल्मिया का कहना है कि चिकित्सा परिसर अंदर मौजूद सभी लोगों के लिए एक ‘बड़ी जेल’ और ‘सामूहिक कब्र’ बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है, न बिजली, न भोजन, न पानी। हर गुजरते मिनट के साथ, हम एक जीवन खो रहे हैं। रात भर में हमने 22 लोगों को खो दिया, पिछले तीन दिनों से अस्पताल निशाने पर है। हमने अस्पताल छोड़ने की अपील की है लेकिन इजरायली बलों ने इससे इनकार कर दिया है।
सहायता रुकी, छा सकती है भुखमरी
सहायता एजेंसियों ने शुक्रवार को कहा कि ईंधन की कमी के कारण गाजा में संभावित संचार ब्लैकआउट के बाद, शहर में भोजन और अन्य आपूर्ति भेजना मुश्किल हो गया है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने ईंधन की कमी के कारण घिरे इलाके में इंटरनेट और टेलीफोन सेवाओं के ध्वस्त होने के एक दिन बाद ‘संभावित भुखमरी’ की चेतावनी दी है।
इजरायली बंधकों के परिवारों से मिलेंगे पोप: पोप फ्रांसिस गाजा में हमास आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए इजरायली बंधकों के रिश्तेदारों से अगले सप्ताह मुलाकात करेंगे। वेटिकन के नंबर दो कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन ने कहा कि पोप का मानना है कि बंधकों की रिहाई और युद्धविराम संकट को हल कर सकते हैं, जिसे मानने से इजरायल ने इनकार कर दिया है।
गाजा में बीमारियां फैलने की आशंका: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को गाजा में बीमारियों के फैलने पर चिंता जताई है। कई हफ्तों से जारी इजरायली बमबारी के कारण आबादी को आश्रय स्थलों में इकट्ठा होना पड़ा है, जहां भोजन और साफ पानी की कमी है।