PM Modi ने बताया विकसित भारत का अर्थ
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “देश की जनता ने हमारी नीतियों को देखा है। हमारी नीयत, हमारी निष्ठा पर जनता ने भरोसा किया है। इस चुनाव में हम जनता के बीच एक बड़े संकल्प के साथ आशीर्वाद मांगने गए थे और हमने आशीर्वाद मांगा था विकसित भारत के हमारे संकल्प के लिए। इसके लिए एक प्रतिबद्धता के साथ जनसामान्य का कल्याण करने के इरादे से गए थे। जनता ने विकसित भारत के संकल्प को चार चांद लगाकर के फिर से एक बार विजयी बनाकर सेवा का मौका दिया है। जब देश विकसित होता है, कोटि-कोटि जनों के सपने पूरे होते हैं, संकल्प सिद्ध होते हैं, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मजबूत नींव तैयार हो जाती है। विकसित भारत का सीधा-सीधा लाभ हमारे देश के नागरिकों की गरिमा, क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार, स्वाभाविक रूप से भाग्य में आता है। आजादी के बाद सामान्य नागरिक इन चीजों के लिए तरसता रहा है। हमारे गांव, शहरों की स्थिति में भी बहुत बड़ा सुधार होता है। गांव के जीवन में गरिमा भी होती है, विकास के नए अवसर भी होते हैं। दुनिया की विकास यात्रा में भारत के शर भी बराबरी करेंगे, ये हमारा सपना है। विकसित भारत का मतलब होता है कोटि-कोटि नागरिकों को अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं और वो अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दे सकता है। देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि विकसित भारत के जिस संकल्प को लेकर हम चले हैं, उसकी पूर्ति के लिए हम भरसक प्रयास करेंगे, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे। हमारे समय का पल-पल, शरीर का कण-कण विकसित भारत के सपने को साकार करने में लगाएंगे। हम उस काम को अवश्य पूरा करेंगे।”PM Modi बोले 2014 के पहले घोटालों का कालखंड था
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, “2014 के उन दिनों को याद करेंगे तो हमें ध्यान आएगा कि देश के लोगों का आत्मविश्वास खो चुका था। देश निराशा के सागर में डुबा था। 2014 के पहले देश ने जो सबसे बड़ा नुकसान भुगता था, अमानत खोई थी, वह था आत्मविश्वास। 2014 के पहले यही शब्द सुनाई देते थे- इस देश का कुछ नहीं हो सकता। ये सात शब्द भारतीयों की निराशा की पहचान बन गए थे। अखबार खोलते थे तो घोटालों की खबरें ही पढ़ने को मिलती थीं। रोज नए घोटाले, घोटाले ही घोटाले। घोटालों की घोटालों से स्पर्धा, घोटालेबाज लोगों के घोटाले, बेशर्मी के साथ ये स्वीकार भी कर लिया जाता था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो 15 पैसे पहुंच पाते थे। भाई-भतीजावाद इतना फैला हुआ था कि सामान्य नौजवान तो आशा छोड़ चुका था कि अगर कोई सिफारिश करने वाला नहीं है तो जिंदगी ऐसे ही चलेगी। ऐसे कालखंड में हमारी सरकार आई थी। 10 साल में हमारी सरकार की कई सिद्धियां हैं। देश निराशा के गर्त से निकला। धीरे-धीरे देश के मन में स्थिर हो गया, जो 2014 से पहले कहते थे कि कुछ नहीं हो सकता। वो आज कहते हैं कि देश में सब संभव है। ये विश्वास जताने का काम हमने किया। आज देश कहने लगा तीव्र गति से 5जी का रोलआउट होना, देश कहने लगा भारत कुछ भी कर सकता है। कोयला घोटाले में बड़े-बड़ों के हाथ काले हो गए थे और आज कोयला प्रोडक्शन बढ़ा है। वो एक समय था 2014 से पहले जब फोन बैंकिंग करके बड़े बड़े घोटाले किए जा रहे थे। पर्सनल प्रॉपर्टी की तरह बैंक का खजाना लूट लिया गया था। 2014 के बाद नीतियों में परिवर्तन का परिणाम है कि दुनिया के अच्छे बैंकों में भारत के बैंकों का स्थान बन गया। PM Modi – 2014 के बाद का हिंदुस्तान घर में घुसकर मारता है अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, “2014 के पहले वह भी एक वक्त था जब आतंकी आकर के जब जहां चाहें, हमला कर सकते थे। निर्दोष लोग मारे जाते थे, कोने-कोने को टारगेट किया जाता था और सरकारें मुंह तक खोलने को तैयार नहीं थीं। 2014 के बाद का हिंदुस्तान घर में घुसकर मारता है, सर्जिकल स्ट्राइक, एयरस्ट्राइक करता है और आतंक के आकाओं को भी सबक सिखाने का सामर्थ्य दिखा दिया है।”