लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के पहले गुरुवार की शाम चुनाव प्रचार अभियान थमने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी जा रहे हैं। इस क्रम में पीएम मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान करेंगे। वहीं, अब प्रधानमंत्री मोदी की कन्याकुमारी यात्रा को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष अब इस ‘ध्यान’ को लेकर भी सवाल उठा रहा है।
मार्केटिंग करने कन्याकुमारी जा रहे प्रधानमंत्री राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी मार्केटिंग करने कन्याकुमारी जा रहे हैं। पीएम मोदी फोटो खिंचवाने और शूटिंग करवाने के लिए कन्याकुमारी जा रहे हैं। पिछली बार गुफा में बैठकर फोटो खिंचवा रहे थे। इस बार वह कन्याकुमारी जा रहे हैं। प्रधानमंत्री से निवेदन है कि मीडिया और कैमरा पर प्रतिबंध लगा दें। शांति से वहां जाकर ध्यान करें ताकि उनके ध्यान में कोई बाधा न पड़े।
PM के पाखंड से परमात्मा नाराज राजद के सांसद मनोज झा ने प्रधानमंत्री को कैमरा नहीं ले जाने की सलाह देते हुए कहा कि ध्यान करिए, ध्यान के नाम पर पाखंड और ढोंग से परमात्मा नाराज होंगे, कैमरा मुक्त ध्यान कीजिए। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़े किए हैं।
मोदी का चुप रहना भी उनको डराता है दूसरी तरफ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने विरोधियों के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जब चुनावी प्रचार अभियान में बोलते थे तब ये त्राहिमाम मचा देते थे। अब पीएम मोदी मौन व्रत पर जाकर ध्यान करने वाले हैं, इस पर भी इन्हें समस्या है। मतलब मोदी का चुप रहना भी इनको अंदर से डरा देता है।
देश को यह जानने का हक है कि PM क्या करे रहे? लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं, इसकी जानकारी मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से जनता को मिलती है और मिलनी भी चाहिए। देश के प्रधानमंत्री हैं और देश की जनता को यह जानने का अधिकार बनता है। विपक्ष खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है, उन्हें पता है कि वो हार रहे हैं।