उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पक्षों की ओर से संवैधानिक लोकतंत्र के बारे में अहम सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन यह चिंतनीय है कि उनके जवाब सामने नहीं आते। डिजिटल मीडिया के युग में वोट देने से पहले मतदाता को सब जानकारी होनी चाहिए। पत्र में यह भी कहा गया है कि मोदी और राहुल खुद बहस में शामिल नहीं हो पाएं तो किसी प्रतिनिधि को नामित कर सकते हैं।