इसकी सराहना नहीं की जा सकती- जगदीप धनखड़
सबसे पहले राज्यसभा को स्थगित किया गया, जिस पर राज्यसभा के सभापति और उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘यह कार्रवाई जनता केंद्रित नहीं है। इसकी सराहना नहीं की जा सकती। हम हंसी का पात्र बन गए हैं और संसद में व्यवधान लोगों को नापसंद है। हम बहुत खराब मिसाल कायम कर रहे हैं। हमारे काम जनता-केंद्रित नहीं हैं। हम अप्रासंगिकता की ओर बढ़ रहे हैं। नियम 267 को व्यवधान के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।” सभापति ने सदन के सामान्य कामकाज में व्यवधान पर अपनी गहरी पीड़ा और गहरा खेद व्यक्त किया।
सरकार क्यों नहीं कर रही स्थगन का विरोध- जयराम रमेश
विपक्षी सदस्य लगातार अडानी मुद्दे, संभल हिंसा और मणिपुर की स्थिति पर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं और संसद में नारे लगा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर हमला किया और X पर पोस्ट कर लिखा, ‘बड़ा रहस्य यह है कि सरकार स्थगन का विरोध क्यों नहीं कर रही है। मोदानी मुद्दे पर संसद में एक और दिन की कार्यवाही विफल रही। आज दोनों सदनों की कार्यवाही कुछ ही मिनटों के बाद स्थगित हो गई। बड़ा रहस्य यह है कि सरकार स्थगन का विरोध क्यों नहीं कर रही है। इसके विपरीत, सरकार मोदीनी पर भारतीय दलों की आक्रामकता को बढ़ावा दे रही है। खासकर मणिपुर, संभल और दिल्ली की कानून व्यवस्था पर। स्पष्ट रूप से इसके पास रक्षात्मक और क्षमाप्रार्थी होने के लिए बहुत कुछ है।