बिरजू महाराज का पूरा क्या नाम था?
उनका पूरा नाम पंडित बृजमोहन मिश्र है। पहले उनका नाम ‘दुखहरण’ रखा गया था, जो बाद में बदल कर ‘बृजमोहन नाथ मिश्रा’ हुआ।
बिरजू महाराज की कितनी संतान थी?
उनके पांच बच्चों का पिता हैं, तीन बेटियां और दो बेटे उनके तीन बच्चे, ममता महाराज, दीपक महाराज और जय किशन।
बिरजू महाराज क्या बजाते थे?
बिरजू महाराज एक शानदार ड्रमर हैं, जो आसानी और सटीकता के साथ लगभग सभी ड्रम बजाते हैं। उन्हें खासतौर पर तबला और नाल बजाने का शौक है। वह सभी तार वाद्य, सितार, सरोद, वायलिन, सारंगी आसानी से बजा सकते हैं, हालांकि उन्होंने कभी भी किसी औपचारिक प्रशिक्षण को नहीं लिया।
कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का निधन, 83 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
बिरजू महाराज के माता का क्या नाम था?
उनकी माता का नाम अम्मा जी महाराज था।
बिरजू महाराज की पत्नी का नाम क्या है ?
बिरजू महाराज की पत्नी का नाम संतोषी है।
बिरजू महाराज की शिष्या कौन थी?
उनकी शिष्या शाश्वती, दुर्गा और रश्मी वाजपेयी है।
बिरजू महाराज को संगीत नाटक अकादमी कब प्राप्त हुआ?
22 वर्ष की अल्पायु में केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
बिरजू महाराज के गुरू कौन थे उनका संक्षिप्त परिजच दीजिए?
बिरजू महाराज के गुरु उनके पिताजी अच्छन महाराज, उनके लच्छू महाराज (चाचा) और उनकी मां थी। पिता ने बचपन से ही अपने यशस्वी पुत्र को कला दीक्षा देनी शुरू कर दी। बिरजू महाराज को कथक विरासत में मिली थी। अच्छन महाराज की निधन के बाद भी कत्थक नृत्य प्रशिक्षण लेना शुरू किया|
बिरजू महाराज के पिता कौन थे?
इनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज था, जो लखनऊ घराने से थे और अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे।