स्वच्छता क्षेत्र में काम के लिए मिल चुका है पद्मश्री पुरस्कार
एस. दामोदरन ने कहा, “मैं त्रिची निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार हूं। मैं मिट्टी का बेटा हूं। मैं त्रिची शहर से हूं। मैं 40 से अधिक वर्षों से स्वच्छता केंद्र में स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहा हूं। मैंने अपना करियर 20 साल की उम्र में शुरू किया था। अब मैं 62 साल का हूं। मुझे 60 साल की उम्र में स्वच्छता क्षेत्र में काम के लिए भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्मश्री पुरस्कार मिला।”
21 साल की उम्र से ही कर रहे हैं समाज सेवा
दामोदरन ने अपने काम के बारे में बताते हुए कहा , “मैंने अपनी सामाजिक सेवा 21 साल की उम्र में शुरू की थी जब राजीव गांधी भारत के प्रधान मंत्री थे। मैंने अपने जीवनकाल में नौ प्रधानमंत्रियों को देखा है। मैंने सभी केंद्र प्रायोजित ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रमों के तहत काम किया और कई गांव को एक रोल मॉडल गांव बनाया।” अपने अनूठे अभियान के बारे में दामोदरन ने बताया, “आज मैंने गांधी मार्केट क्षेत्र में अपना प्रचार अभियान शुरू किया है। यह मेरे संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। मैं जहां भी पहुंच रहा हूं, मेरा अद्भुत स्वागत हो रहा है।”
सांसद के रूप में जीत मिलने पर आप तिरुचिरापल्ली में किन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आगे बढ़ाना चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में दामोदरन ने कहा, “हमें त्रिची को एक स्वच्छ और हराभरा शहर बनाने के लिए काम करने की जरूरत है। लोग शहर के लिए एक रिंग रोड की मांग कर रहे हैं क्योंकि यह हर रोज भारी मात्रा में बसें व अन्य वाहन त्रिची से गुजरते हैं। हम त्रिची शहर के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में फ्लाईओवर पर भी काम कर रहे हैं।”
दामोदरन का जीवन मलिन बस्तियों के लोगों को समर्पित
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें दो साल पहले पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।दामोदरन ने अपना जीवन दक्षिण भारत के गांवों और मलिन बस्तियों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित कर दिया है।
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